गोरखपुर: आठ माह के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार जिले के 569 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डेस्क-बेंच की आपूर्ति शुरू हो गई है। अब यहां के बच्चे अन्य स्कूलों के बच्चों की तरह डेस्क-बेंच पर पढ़ाई कर सकेंगे। जिले में इसके लिए 7.74 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे।
दरी पर बैठकर पढ़ते हैं बच्चे
जनपद के कई प्राथमिक स्कूलों में अभी भी बच्चे दरी पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। इसके पूर्व सत्र 2017-18 में भी कुछ उच्च प्राथमिक स्कूलों को फर्नीचर उपलब्ध कराया गया था। इस बार बेसिक शिक्षा विभाग ने बेंच को सुविधाजनक बनाने पर जोर दिया है। जेम पोर्टल से डेस्क-बेंच की खरीदारी के लिए डीएम की अध्यक्षता में समिति गठित हुई थी। जिसमें सीडीओ, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक, डायट प्राचार्य, बीएसए व वित्त एवं लेखाधिकारी बतौर सदस्य शामिल किए गए थे।
नए व आकर्षक डिजायन के हैं फर्नीचर
इस बार फर्नीचर नए तरह के होंगे। इसके पूर्व सत्र 2018 में कुछ स्कूलों को जो डेस्क व बेंच दिए गए थे, वह बच्चों के लिए सुविधाजनक नहीं थी। इस बार बेसिक शिक्षा विभाग ने बेंच को सुरक्षित व उपयोगी के साथ-साथ सुविधाजनक बनाने पर जोर दिया है।
खरीदारी के लिए 7:74 करोड़ रुपये हुए स्वीकृत
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जनपद के 569 विद्यालयों में डेस्क-बेंच की खरीद के लिए 7.74 करोड़ स्वीकृत किए थे। जिससे डेस्क-बेंच का क्रय कर लिया गया है। स्कूलों में इसकी आपूर्ति शुरू हो चुकी है। जिले के अधिकांश स्कूलों में डेस्क-बेंच की सुविधा उपलब्ध है। अभी जिन स्कूलों में डेस्क-बेंच नहीं हैं उनकी सूची तैयार कर वहां भी जल्द इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी, ताकि बच्चों के पठन-पाठन में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न न हो।
स्वच्छताग्रहियों को मिले नियमित काम व मानदेय
स्वच्छताग्रहियों ने 16 दिसंबर को स्वच्छताग्रही संघ के तत्वावधान में जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने स्वच्छताग्रहियों को नियमित कार्य एवं नियमित मानदेय दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि उन्हें पंचायती राज के कर्मचारियों के समान दर्जा दिया जाए। यदि प्रदेश में स्वच्छताग्रहियों को नियमित करने में सरकार को कोई समस्या हो रही है तो पिछले पांच वर्षों से कार्य कर रहे स्वच्छताग्रहियों को पंचायती राज विभाग के अंतर्गत कोई नया पद सृजित कर उन्हें उस पद पर समायोजित कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सभी स्वच्छताग्रही स्वयं को ठगा महसूस कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वालों में वीरेंद्र प्रसाद, त्रियोगी यादव, जयप्रकाश सिंह, मो. तहजीब खान, श्यामबली, अलाउद्दीन, कमलेश कुमार कन्नौजिया, रामसजन, संजय कन्नौजिया, गोमती यादव आदि शामिल रहे।