बुलंदशहर। स्याना तहसील में शनिवार को एसडीएम ने मतदाता पुनरीक्षण कार्य के सुपरवाइजर शिक्षक के साथ अभद्रता करते हुए थप्पड़ जड़ दिया। एसडीएम का गुस्सा यहीं नहीं थमा, इसके बाद उन्होंने शिक्षक को स्याना थाना पुलिस को बुलाकर ढाई घंटे तक थाने में बैठाए रखा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के हस्तक्षेप के बाद उन्हें थाने से छोड़ दिया गया। पीड़ित शिक्षक ने संघ के पदाधिकारियों के साथ मिलकर एडीएम से शिकायत की है।
ऊंचागांव ब्लॉक के संविलियन विद्यालय में राजेंद्र प्रसाद शिक्षक के पद पर तैनात हैं। आगामी दिनों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें बीएलओ चुनाव सुपरवाइजर नियुक्त किया गया है। जिसके तहत वह यह कार्य भी देख रहे हैं। राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि शनिवार को एसडीएम स्याना ने ऊंचागांव ब्लॉक के सभी बीएलओ और सुपरवाइजर को तहसील में बुलाया था। आरोप लगाया कि हाजिरी रजिस्टर देखने के बाद एसडीएम भड़क गए। पहले अभद्रता की और देखते ही देखते एसडीएम ने गाल पर तमाचा जड़ दिया। आरोप है कि एसडीएम का गुस्सा यहीं नहीं थमा, मौके पर थाना पुलिस को बुलाकर शिक्षक को थाने में बैठा दिया। ढाई घंटे तक वह थाने के एक कक्ष में बैठे रहे। उसके बाद एसडीएम ने फिर तहसील बुला लिया और वहां पर किसी से शिकायत न करने की बात कही। आरोप लगाया कि इसी दौरान एसडीएम के पास शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष का फोन पहुंचता है। एसडीएम उनसे भी इस बारे में नहीं बताते हैं। वहां से निकलने के बाद उन्होंने नेताओं को बताया।
एडीएम प्रशासन डा. प्रशांत कुमार ने बताया कि स्याना एसडीएम पर कुछ शिक्षकों ने अभद्रता करने का आरोप लगाया है। एसडीएम से भी इस संबंध में बातचीत की गई है। साथ ही शिक्षक ने खुद की भी गलती स्वीकार करते हुए प्रकरण में कोई कार्रवाई न किए जाने की बात कही है।
एसडीएम स्याना सतीश कुमार कुशवाहा ने बताया कि गलत तरीके से आरोप लगाए जा रहे हैं। शिक्षक ने बीएलओ के फर्जी हस्ताक्षर कर दिए थे। जानकारी होने पर शिक्षक पर गुस्सा किया गया, चेतावनी दी गई। साथ ही इनके खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया जा रहा था। जिस पर शिक्षक ने मांफी मांगते हुए भविष्य में ऐसा नहीं करने की बात कही। हमारे पास लिखित में भी दिया हुआ है, चांटा मारने का आरोप निराधार है।