प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सेवानिवृत्ति से एक साल पहले विकल्प भरने में देरी के कारण कर्मचारी को उसके अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने राज्य सरकार व विपक्षी से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। साथ ही कहा है कि स्पष्ट करें कि क्या याची का देरी से भरा गया विकल्प स्वीकार्य किए जाने योग्य है। मामले में सुनवाई दो जजों की खंडपीठ कर रही है। पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए 18 जनवरी की तिथि तय की है।
याची प्राइमरी स्कूल मोइद्दीनपुर एटा का प्रधानाध्यापक था। उसने ग्रेच्युटी का विकल्प दिया। किंतु विकल्प सेवानिवृत्ति आयु से एक साल पहले नहीं दे सका। छह महीने पहले दिया। इस कारण उसे ग्रेच्युटी देने से इंकार कर दिया गया। याचिका भी खारिज हो गई तो यह विशेष अपील दाखिल की गई है।
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