उत्तर प्रदेश में हाल में आयोजित अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का पेपर लीक होने का मामला बुधवार को लोकसभा में उठा और केंद्र सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप कर पीड़ित अभ्यर्थियों को जरूरी मदद करने की अपील की गई।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की संगीता आजाद ने शून्यकाल में यह मामला उठाया और कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले पांच साल से लगातार कई प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं लेकिन दोषियों को सख्ती से दंडित नहीं किया गया है जिसके कारण उनके हौसले बढ़ रहे हैं और लगातार पेपर लीक की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित युवाओं के हित के लिए इन परीक्षाओं को तुरंत दोबारा आयोजित किया जाना चाहिए और जिन बच्चों की उम्र निकल रही है उनको छूट दी जानी चाहिए।
इसके साथ ही परीक्षा केंद्रों पर आने जाने के लिए परीक्षार्थियों को भत्ता दिया जाना चाहिए। उनका कहना था कि नौकरी की आश लगाए युवा इंतजार कर रहे हैं इसलिए पेपर लीक होने के बाद सरकार तुरंत परीक्षाएं आयोजित करे। बसपा नेता ने कहा कि हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का दावा करने वाली सरकार के शासन में लगातार पेपर लीक हो रहे हैं और अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं और ना ही पेपर लीक होने की घटनाएं रोकी जा रही हैं। उनका कहना था कि 2017 में दो परीक्षाएं एवं 2018 में पांच प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं और ताजा घटना टीईटी की है। इन घटनाओं से युवा निराश हैं और सरकार को जल्द ही इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।