भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार पर निशाना साधने के बाद अब यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा में पेपर लीक मामले को लेकर प्रदेश की योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है, फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो, परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं, फिर किसी घोटाले में रद्द हो। रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान दो साल से परिणामों के इंतज़ार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। आखिर कब तक सब्र करें भारत का नौजवान?
वरुण गांधी भाजपा के सांसद होते हुए भी लगातार पार्टी की सरकारों के खिलाफ हमलावर रहे हैं और किसानों व नौजवानों के मुद्दे पर बोलते रहे हैं। टीईटी पेपर लीक मामले में खुलासा हुआ है कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव संजय उपाध्याय और आरएसएम फिनसर्व लि. के निदेशक अनूप प्रसाद के बीच पुराने रिश्ते रहे हैं। बताया जा रहा है कि पूर्व में संजय की तैनाती नोएडा में भी रही है।
सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी एसटीएफ को जानकारी मिली है कि प्रश्नपत्र छपने का काम देने से पहले नोएडा के पांच सितारा होटल में संजय और अनूप के बीच मीटिंग भी हुई थी। यह काम 13 करोड़ रुपये का था, लेकिन काम देने से पहले न तो परीक्षा का काम लेने वाली कंपनी का टर्न ओवर देखा गया और न ही उसका सेटअप देखा गया। वहीं एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि आरएसएम को छपाई का काम मिलने के बाद से ही प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वाले कई गिरोह सक्रिय हो गए थे।