लखनऊ। सहायक अध्यापक पात्रता परीक्षा-2021 (टीईटी) का पेपर लीक होने के मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने वांछित चल रहे आरोपित डाक्टर संतोष चौरसिया को लखनऊ से गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर एसटीएफ पेपर लीक कराने वाले राहुल मिश्रा समेत कई और आरोपितों की तलाश भी कर रही है। गिरोह परीक्षा के करीब एक माह पूर्व ही सक्रिय हो गए थे। एसटीएफ की जांच में सामने आए इस तथ्य की तस्दीक संतोष ने भी की है।
एसटीएफ ने पेपर लीक मामले में कौशांबी में दर्ज मुकदमे के तहत आगरा के ग्राम पुरा नहरौली निवासी डा.संतोष की गिरफ्तारी कर उसे कौशांबी पुलिस के सिपुर्द कर दिया है। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश के अनुसार कौशांबी के थाना कोखराज में धोखाधड़ी व सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम समेत अन्य धाराओं में दर्ज मुकदमे में वांछित चल रहे संतोष चौरसिया को लखनऊ के आलमबाग क्षेत्र से पकड़ा गया। पूर्व में एसटीएफ ने कौशांबी में पेपर लीक मामले में 28 नवंबर को आरोपित रोशन सिंह पटेल को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। इसी मामले में दो दिसंबर को उसका साथी देव प्रकाश पांडेय भी पकड़ा गया था, जबकि संतोष चौरसिया वांछित चल रहा था।
दिल्ली के मेडिकल कालेज से एमबीबीएस है संतोषः एडीजी ने बताया कि संतोष ने वर्ष 2007 में दिल्ली के एक प्रतिष्ठित मेडिकल कालेज से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी। जबकि वह वर्ष 2003 से ही साल्वर की मदद से प्रतीयोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने के धंधे में लिप्त था। संतोष ने पूछताछ में वर्ष 2004 में मध्य प्रदेश पीएमटी में साल्वर की मदद से दो अभ्यर्थियों का चयन कराने की बात भी स्वीकार की है। इस मामले में उसके विरुद्ध ग्वालियर के विजयनगर थाने में दो मुकदमे दर्ज हैं। साथ ही बहचुर्चित व्यापम घोटाले में भी संतोष आरोपित रहा है। इस घोटाले में उसके विरुद्ध मध्य प्रदेश में छह मुकदमे दर्ज हैं और वह वर्ष 2006 से 2018 के मध्य कई बार जेल भी जा चुका है।
संतोष ने पूछताछ में बताया कि व्यापम घोटाले के मामले में उसके साथ बांदा निवासी विकास दीक्षित भी जेल में बंद था। विकास के जरिए ही उसकी मुलाकात फरवरी 2021 में प्रयागराज निवासी राहुल मिश्रा व अनुराग शर्मा से हुई थी। राहुल नोएडा की गौर सिटी में रहता था। वह पेपर लीक कराने का काम करता है और उसका संपर्क जौनपुर निवासी मनीराम से था। संतोष ने बताया कि जब टीईटी के फार्म भरे जा रहे थे, उसी दौरान उसकी बात राहुल मिश्रा से हुई थी और राहुल ने उसे बताया था कि पेपर छापने का काम एक ऐसी संस्था को दिया जा रहा है जहां से शतप्रतिशत पेपर लीक हो जाएगा। इसके बाद ही संतोष व राहुल के बीच पेपर खरीदने वाले अभ्यर्थी खोजने की डील हुई थी और संतोष ने अक्टूबर माह के अंतिम सप्ताह में लखनऊ में राहुल को तीन लाख रुपये दिये थे। इसके बाद संतोष ने प्रयागराज में स्थानीय निवासी रोशन पटेल से पेपर बेचने की डील की थी और दिल्ली चला गया था।
संतोष 26 नवंबर को नोएडा से लखनऊ आया था और 27 नवंबर की रात करीब आठ बजे उसकी मुलाकात रोशन पटेल से हुई थी। उसी दिन संतोष ने राहुल से संपर्क किया तो उसने पेपर देने के बदले 40 लाख रुपयों की मांग की थी और बाद में दोनों के बीच 20 लाख रुपये में सौदा तय हो गया था। उसी रात करीब 11:30 बजे राहुल ने वाट्सएप के जरिए संतोष को टीईटी का पेपर भेजा था, जिसे संतोष ने रात 12 बने रोशन को वाट््सएप पर भेज दिया था। संतोष व रोशन के बीच पांच लाख रुपये में डील हुई थी, जबकि संतोष ने तीन-चार अन्य लोगों से भी लाखों रुपये लेकर उन्हें पेपर बेचा था। संतोष को 10 लाख रुपये मिले थे। एसटीएफ संतोष के अन्य साथियों की तलाश कर रही है।
अब तक 35 गिरफ्तारः उल्लेखनीय है कि 28 नवंबर को सहायक अध्यापक पात्रता परीक्षा-2021 होनी थी, लेकिन इससे एक रात पूर्व ही पेपर लीक हो गया था। एसटीएफ ने इस मामले का राजफाश किया था। एसटीएफ इस मामले में निलंबित सचिव परीक्षा नियमाक प्राधिकारी संजय उपाध्याय व प्रश्न पत्र के मुद्रण का करने वाली कंपनी के संचालक राय अनूप प्रसाद समेत 35 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है।
अपने व साथियों के मोबाइल कर दिए थे नष्टः एडीजी का कहना है कि संतोष वाटम समेत अलग-अलग मोबाइल एप के जरिए अपने साथियों के संपर्क में रहता था और डीलिंग करता था। पेपर लीक मामला पकड़े जाने की खबर लगते ही संतोष ने अपने व साथियों के मोबाइल फोन नष्ट करा दिए थे। पेपर लीक होने की जानकारी पुलिस तक पहुंचने की भनक लगते ही संतोष लखनऊ से भाग निकला था। इसके बाद वह फरीदाबाद, नैनीताल, इंदौर, इटावा व अन्य स्थानों पर छिपकर रह रहा था।
12 से अधिक खातों की जांचः एसटीएफ को संतोष के 12 से अधिक बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिसकी छानबीन की जा रही है। उसने नोएडा में भी एक खाता खोला था जिसमें नवंबर में 10 लाख रूपये जमा हुए थे, जिन्हेंं इसी माह उसने निकाल लिया था।