प्रयागराज :उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने हाल ही में प्रशिक्षक स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी)-2021 की भर्तियां पूरी की हैं, लेकिन वर्ष 2011 और 2013 की तमाम भर्तियां अब तक फंसी हुई हैं। भर्तियां अटकने से अभ्यर्थियों को काफी नुकसान हुआ है। भविष्य में भर्तियां पूरी होने पर जब अभ्यर्थियों की ज्वाइनिंग होगी तो वे बाद की भर्तियों के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों के मुकाबले जूनियर हो जाएंगे और इसका असर उनके वेतन, भत्तों पर भी पड़ेगा।
इन भर्तियों के लिए अभ्यर्थी वर्षों से चयन बोर्ड के चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि चयन बोर्ड ने प्रयास शुरू किए हैं कि किसी भी तरह वर्ष 2022 तक लंबित भर्तियों को पूरा कर लिय जाए। चयन बोर्ड ने वर्ष 2011 में टीजीटी के विभिन्न विषयों के लिए आवेदन लिया था। लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार हुए और परिणाम आ गए। लेकिन टीजीटी जीवविज्ञान 2011 की लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं हुआ। दस साल में दर्जनों बार अभ्यर्थियों ने चयन बोर्ड पर प्रदर्शन कर लिखित परीक्षा का परिणाम और साक्षात्कार की तिथि घोषित करने की मांग की, लेकिन चयन बोर्ड ने परिणाम नहीं घोषित किया।
पुरानी भर्तियों पर ध्यान नहीं दे रहा आयोग
इसी तरह प्रधानाचार्य भर्ती-2011 के तहत पांच मंडलों में प्रधानाचार्य के 211 पदों के लिए साक्षात्कार हुआ और इसके बाद मामला कोर्ट में चला गया। इसकी वजह से कानपुर मंडल में 110 पदों का साक्षात्कार भी नहीं हुआ। यह भर्ती भी दस वर्षों से अटकी हुई है। इसी तरह प्रधानाचार्य भर्ती परीक्षा 2013 में 599 पदों का आवेदन लेने के बाद चयन बोर्ड भूल गया। अब तक इसके साक्षात्कार नहीं हुए। इस बीच टीजीटी-पीजीटी 2016 और टीजीटी-पीजीटी 2021 की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई, लेकिन पुरानी लंबित पड़ी भर्तियों पर चयन बोर्ड ने कोई कोई ध्यान नहीं दिया।
‘जल्द ही प्रधानाचार्य-2013 के तहत 599 पदों के लिए साक्षात्कार की तिथि घोषित की जाएगी। 2013 के साक्षात्कार के बाद 2011 के कानपुर मंडल का साक्षात्कार होगा और उसका अंतिम परिणाम जारी किया जाएगा।’ नवल किशोर, उपसचिव, उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड