यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों को चुनावी खर्च के लिए अलग से बैंक खाते खोलने होंगे। इसके निर्देश भारत निर्वाचन आयोग ने दिए हैं। प्रत्याशी को नामांकन के समय इन खातों की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी। अगर कोई प्रत्याशी बैंक खाते की सूचना नहीं देता है तो उसे निर्वाचन अधिकारी नोटिस जारी करेगा।
निर्वाचन आयोग की ओर से बताया गया है कि चुनावी खर्च के लिए बैंक खाता या तो प्रत्याशी के नाम से खोला जाएगा या निर्वाचन अभिकर्ता के साथ संयुक्त रूप से प्रदेश में कहीं भी खोले जा सकेंगे। चुनाव संबंधी सारे खर्च प्रत्याशी को इसी खाते से करने होंगे। चुनावी खर्च के लिए प्रत्याशी के परिवार के किसी सदस्य या किसी अन्य व्यक्ति के नाम से खाते नहीं खोले जा सकेंगे।
अभ्यर्थी के पहले से खुले खाते का इस्तेमाल चुनावी खर्च के लिए नहीं किया जाएगा। चुनावी खर्च के लिए खोले गए खाते में सभी खर्च के पैसे जमा होंगे। चुनाव परिणाम के 30 दिन के अंदर खर्च का विवरण निर्वाचन अधिकारी को देना होगा।
बैंकों में अलग काउंटर लगाकर खोले जाएं खाते
निर्वाचन आयोग की ओर से कहा गया है कि प्रत्याशियों के बैंक खाते खोलने के लिए बैंकों में अलग से काउंटर बनाया जाए। इसके निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा बैंकों को दिया जाए। साथ ही यह भी निर्देश दिया जाए कि निर्वाचन अवधि के दौरान बैंक इन खातों में जमा और उनसे निकासी की अनुमति प्राथमिकता के आधार पर देंगे।
आयोग ने सभी प्रत्याशियों को चुनावी खर्च के लिए बैंक खाते से 20 हजार रुपये तक नकद राशि खर्च कर सकेंगे। इससे अधिक पैसों का भुगतान इसी खाते से क्रास एकाउंट पेई चेक, ड्राफ्ट या आरटीजीएस, एनईएफटी के माध्यम से किया जा सकेगा। निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए कहा है कि कोई प्रत्याशी, एजेंट या उसका समर्थक निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन क्षेत्र में 50 हजार रुपये से अधिक कैश नहीं ले जा सकता।