यूपी बेसिक शिक्षा परिषद में कार्यरत कुछ सरकारी मास्टरों ने कागजों पर गजब ढा दिया। बेसिक शिक्षा के अधिकारी भी डेटा देख कर चक्कर खा गए। एक जिले में तो तब हद हो गई जब एक ही आधार पर लगभग 35 बच्चों के DBT के पैसे की डिमांड प्रेरणा DBT पर आई। जवाब मांगने पर कहा कि गलती से हो गया, इसको सही करवा दिया जाएगा।
हालांकि विभाग ने ऐसे संदिग्ध केसों को अलग कर भुगतान रोक दिया। जवाब मांगने पर कहा गया कि गलती हो गई। यूपी बेसिक शिक्षा में प्राइमरी का मास्टरों द्वारा फीडिंग ऐसे कई संदिग्ध प्रकरण सामने ला दिए। अधिकारियों को फर्जी छात्रों के होने की आशंका है।
हालांकि इस बार सभी को सिर्फ चेतावनी दे कर, ऐसे सभी डेटा को सही कर 45 दिन से अधिक दिनों से अनुपस्थित चल रहे छात्र छात्राओं को ड्राप ऑउट करने को कहा है और यदि कुछ प्रविष्टि गलत हो गई है, तो संशोधन का विकल्प खोला गया है।
इस बार भी यदि इस तरह के फर्जी डाटा पाए गए तो जांच कर संबंधित शिक्षकों पर कार्यवाही की जाएगी।
DBT में शिक्षकों को डीबीटी ऐप पर संदिग्ध छात्र-छात्राओं की सूची का विकल्प अलग से प्रेरणा डीबीटी ऐप पर मिलेगा। जिसका प्रमाणीकरण प्रधानाध्यापक को करना होगा। प्रधानाध्यापक की अनुपस्थिति में वरिष्ठ सहायक अध्यापक के प्रेरणा डीबीटी ऐप पर यह लिस्ट प्रदर्शित होगी तथा दोनों की अनुपस्थिति में यह सूची अनुदेशक या शिक्षामित्रों के प्रेरणा डीवीटी ऐप पर मिलेगी।