पेपर लीक के कारण निरस्त उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2021 को फिर से कराने के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सूत्रों के अनुसार कुछ जिलों में परीक्षा केंद्र बदलने की तैयारी है। अभ्यर्थियों को नये सिरे से प्रवेश पत्र जारी होंगे। इस संबंध में मंगलवार को शासन में बैठक हुई थी, जिसमें सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को भी बुलाया गया था।
वित्तविहीन स्कूलों के स्थान पर राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों, सीबीएसई-सीआईएससीई के स्कूलों, डिग्री कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को भी केंद्र बनाने के लिए कोशिशें की जा रही हैं। बहुत आवश्यकता पड़ने पर अच्छी छवि के वित्तविहीन स्कूलों को ही केंद्र बनाया जाएगा। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों से भी वार्ता हो रही है, ताकि केंद्रों को बदलने में आने वाली कठिनाइयों को दूर किया जा सके।
साथ ही प्रश्नपत्र निर्माण के लिए विषय विशेषज्ञों को भी बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। परीक्षा के लिए त्रुटिहीन प्रश्नपत्र बनवाना सबसे बड़ी चुनौती है। क्योंकि परीक्षा के बाद सर्वाधिक विवाद प्रश्नों को ही लेकर होता है। हालांकि सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में सहायक अध्यापक के 1504 और प्रधानाध्यापकों के 390 पदों के लिए 17 अक्तूबर को आयोजित परीक्षा में प्रश्नों को लेकर खास विवाद नहीं हुआ था। इसलिए यूपी-टीईटी में भी ऐसे ही पेपर सेट करवाया जाएगा जिससे कोई विवाद न हो।
दिसंबर में संभव नहीं टीईटी
यूपी-टीईटी को दोबारा से एक महीने में कराना किसी सूरत में संभव नहीं है। हाल ही में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने दिसंबर में दोबारा परीक्षा कराने की बात कही थी। लेकिन आयोजन से जुड़े लोगों का मानना है कि जनवरी के दूसरे सप्ताह के बाद ही परीक्षा हो सकती है।