विपक्षी दलों के मुफ्त और सस्ती बिजली के वादों के बीच योगी सरकार प्रदेश में शहरों से लेकर गांवों तक 24 घंटे बिजली देने की तैयारी कर रही है। विधानसभा चुनाव से पहले इसे योगी सरकार की एक और बड़ी पहल माना जा रहा है। सरकार और भाजपा की कोशिश है कि चुनाव में बिजली को मुद्दा न बनने पाए। यही वजह है कि सरकार पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति का दांव चलकर विरोधियों को बैकफुट पर धकेलने की रणनीति पर आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर पूरे प्रदेश को कटौतीमुक्त बिजली आपूर्ति की घोषणा कर सकते हैं।
बिजली को लेकर सपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की ओर से किए जा रहे वादों को देखते हुए भाजपा भी जवाबी तैयारी में है। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों भाजपा कोर कमेटी की बैठक में बिजली के मुद्दे पर चर्चा हुई। पार्टी के रणनीतिकारों ने सुझाव दिया कि बिजली के मोर्चे पर विपक्षी दलों के हमलों की धार को कुंद करने के लिए चुनाव के एलान से पहले सरकार को कोई बड़ी घोषणा करनी चाहिए जिससे यह चुनाव में बड़ा मुद्दा न बन सके। तय किया गया कि चुनाव के मद्देनजर पूरे प्रदेश को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाए। इससे मतदाताओं के बीच बिजली को लेकर अच्छा संदेश जाएगा और पार्टी को इसका फायदा भी होगा।
कोर कमेटी की बैठक के बाद ऊर्जा विभाग को दिसंबर के अंतिम सप्ताह से अप्रैल तक बिजली की संभावित मांग और उपलब्धता का आकलन करके प्रस्ताव देने को कहा गया था कि चुनाव तक कैसे 24 घंटे बिजली दी जा सकती है। ऊर्जा विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार करके मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है। प्रस्ताव में बताया गया है कि मौजूदा परिस्थितियों में 24 घंटे बिजली देने में कोई खास दिक्कत नहीं है। ठंड ज्यादा पड़ने पर अगर मांग में इजाफा होता भी है तो अतिरिक्त बिजली खरीदकर कमी को पूरा किया जा सकता है। चूंकि ग्रिड में भरपूर बिजली उपलब्ध है इसलिए इससे ज्यादा वित्तीय भार भी नहीं आएगा। ऊर्जा विभाग का कहना है कि बिजली की मांग कम होने से कई इकाइयां बंद भी हैं।
गांवों, तहसीलों व बुंदेलखंड को होगा फायदा
योगी सरकार के इस कदम से गांवों, तहसीलों व बुंदेलखंड को सबसे ज्यादा फायदा होगा। मौजूदा समय में प्रभावी आपूर्ति शिड्यूल के अनुसार महानगरों, जिला व मंडल मुख्यालयों तथा उद्योगों को 24 घंटे बिजली दी जा रही है। गांवों के लिए 18 घंटे, तहसीलों के लिए साढ़े इक्कीस घंटे तथा बुंदेलखंड के लिए 20 घंटे आपूर्ति का शेड्यूल है।