हरदोई: परिषदीय विद्यालयों की शिक्षक भर्ती में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति एक और बड़ा मामला सामने आया है। एसटीएफ की जांच में दो प्रधानाध्यापक, एक शिक्षिका और दो महिला अनुदेशक बीएड और बीपीएड के फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी करते मिले हैं। अभिलेखों के सत्यापन में सामने आया फर्जीवाड़ा पर बीएसए की तरफ से सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
परिषदीय विद्यालयों में हुईं शिक्षक भर्ती की एसटीएफ जांच कर रही है, जिसमें जिन शिक्षक-शिक्षिकाओं के अभिलेखों पर संदेह होता है, उनका विवरण एसटीएफ मांगती है और उनके ही सत्यापन से फर्जीवाड़ा खुला है। बीएसए की तरफ से जारी पत्र के अनुसार एसटीएफ द्वारा कराए गए सत्यापन में बावन विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय यासीनपुर के प्रधानाध्यापक ब्रजेंद्र पाल का वर्ष 2003 के बीएड प्रमाण पत्र फर्जी मिला। टड़ियावां विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय टड़ियावां के ही प्रधानाध्यापक मंसाराम का वर्ष 1995 का बीएड प्रमाण पत्र भी कूट रचित पाया गया। वहीं सुरसा विकास खंड के उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहकमपुर की सहायक अध्यापिका गीता देवी का लखनऊ विश्वविद्यालय से जारी वर्ष 2004 का बीएड का अंकपत्र और प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया। वहीं अनुदेशकों में सुरसा विकास खंड के जूनियर हाई स्कूल अंटवा सरसैया की अनुदेशक संगीता पाल का वर्ष 2016 का लखनऊ विश्वविद्यालय से जारी बीपीएड का प्रमाण पत्र फर्जी मिला। वहीं पिहानी विकास खंड जूनियर हाई स्कूल मंसूरनगर के अनुदेशक शशिवेंद्र का वर्ष 2013 बीपीएड फर्जी मिला। एसटीएफ की जांच में पता चला कि फर्जी पत्रों में किसी के अंक गलत थे तो किसी ने फर्जी नाम का सहारा लिया। एसटीएफ ने बीएसए को अपनी जांच आख्या भेजी थी। बीएसए बीपी सिंह ने बताया कि प्रमाण पत्र में मिले फर्जीवाड़े पर सभी को नोटिस जारी किया गया है।