कोरोना संक्रमण के दौर से राहत मिलने के बाद जब विद्यालय खुलेंगे तो शिक्षकों व शिक्षाधिकारियों के कंधों पर नई जिम्मेदारी होगी। सभी बोर्ड के स्कूल-कालेजों के लिए शासन की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।इसके तहत स्वास्थ्य समस्या से पीड़ित विद्यार्थी को शिक्षक घर तक पहुंचाएंगे। अगर कोई शिक्षक या कर्मचारी पीड़ित होता है तो शिक्षाधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वो उनको घर तक पहुंचाएं।
फिलहाल कोरोना संक्रमण के चलते सभी स्कूल-कालेजों को 30 जनवरी तक बंद रखने के निर्देश हैं। विद्यालय खुलने के बाद ये निर्देश हर शैक्षणिक संस्थान पर लागू होंगे। विद्यालय खुलने पर शासन से जारी नई गाइडलाइन्स के पालन के साथ ही पढ़ाई कराई जाएगी। इसमें निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी विद्यार्थी में वायरल इंफेक्शन या अन्य किसी संक्रमण की पुष्टि होती है तो तत्काल उसको चिकित्सकीय लाभ दिलाते हुए घर तक भेजा जाएगा। इस दौरान अभिभावकों को भी सूचित किया जायेगा। प्रधानाचार्यों की जिम्मेदारी होगी कि क्षेत्र की चिकित्सकीय टीम से संपर्क कर विद्यार्थी को प्रारंभिक उपचार दिलाया जाए। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यालय खुलने पर गाइडलाइन्स के पालन के साथ शिक्षण कार्य कराने के संबंन्ध में सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं।