बरेली। पत्नी और मेरी ड्यूटी निर्वाचन कार्यों में लगी है, एक की काट दीजिये। मैं एक राजनीतिक दल का प्रचारक हूं, मेरी ड्यूटी चुनाव कार्यों से काट दीजिए। मुझे परीक्षा करानी है, मेरी ड्यूटी काट दीजिए।इस तरह की कहानियां सुनाकर विकास भवन में स्थित सभागार में ड्यूटी कटवाने के लिए कर्मचारी पहुंच रहे हैं। हालांकि, वहां पर मौजूद अफसर और मेडिकल पैनल की सख्ती की वजह से वापस लौट दिया जा रहा हैं, जबकि गंभीर रूप से बीमार लोगों के आवेदनों पर मेडिकल पैनल विमर्श करने के बाद ड्यूटी से मुक्त भी कर रहा है।
आगामी विधानसभा चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के लिए सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी चुनाव कार्यों के लिए लगाई गई है। ऐसे में बड़ी संख्या में ऐसे भी कर्मचारी जो चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए कर्मचारी तमाम परेशानियां बताकर आवेदन दे रहे हैं। कई कर्मचारी तो हृदय रोग, गंभीर श्रेणी की मधुमेह, कैंसर, स्ट्रोक, मातृत्व अवकाश आदि की दिक्कत बता रहे हैं। डीसी मनरेगा गंगाराम के साथ ही स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, नाक कान गला रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, हड्डी रोग विशेषज्ञ, सर्जन और नेत्र रोग विशेषज्ञ का पैनल उनकी समस्याओं को सुनने के बाद तय करता है कि वे ड्यूटी करने में सक्षम हैं या नहीं। अगर सक्षम हैं तो उन्हें ड्यूटी करने के लिए कहा जाता है। अनफिट होने पर उनको ड्यूटी से मुक्त कर दिया जाता हैं।
जनप्रतिनिधि भेज रहे ड्यूटी कटवाने के लिए पत्र: सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि ड्यूटी कटवाने के लिए पत्र भेज रहे हैं। जन-प्रतिनिधि ने चार लोगों की ड्यूटी कटवाने के लिए पत्र भेजा है। अब उस पर विमर्शों किया जाएगा या नहीं। यह तय नहीं हो पाया है।