उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के तकरीबन पांच हजार पदों का अधियाचन मिल चुका है, लेकिन उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के साथ ही नई भर्ती भी फंस गई है। अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर नई भर्ती के लिए भी चुनाव खत्म होने का इंतजार करना होगा। वहीं, संवैधानिक संस्था होने के नाते उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के सामने नई भर्तियों के विज्ञापन जारी करने में कोई अड़चन नहीं आएगी।
सूत्रों के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 39 विषयों में टीजीटी-पीजीटी के तकरीबन पांच हजार पदों का अधियाचन मिल चुका है। इनमें पीजीटी के 23 और टीजीटी के 16 विषय शामिल हैं। प्रतियोगी छात्र नए विज्ञापन के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे।
फिलहाल आचार संहिता लागू होने के बाद अब नया विज्ञापन फंस गया है और अभ्यर्थियों को इसके लिए इंतजार करना होगा। इसके साथ ही प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों पर नई भर्ती भी फंसेगी। पिछले हफ्ते अभ्यर्थियों ने उच्च शिक्षा निदेशालय में ज्ञापन देकर मांग की थी कि असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पड़े तकरीबन 2000 पदों पर भर्ती के लिए उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को अधियाचन भेजा जाए।