गंभीर बीमारी अथवा अन्य कोई जरूरी कार्य दिखाकर चुनावी कार्य से छुटकारा पाने की जुगत लगाने वाले गुरुजी इस बार सफलता नहीं हो सकेंगे। जिला विकास अधिकारी ने ऐसे 394 शिक्षकों की सूची जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजी है।इन सभी की वास्तविक स्थिति की जांच कराते हुए आख्या देने को कहा है। वहीं बीएसए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने संबंधित विकास क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है।
विधानसभा चुनाव की गतिविधियां तेज हो गईं हैं। चुनावी कार्य में कार्मिकों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी जाने लगी है। मतदान और मतगणना में एक बड़ी संख्या कर्मचारियों की होती है। ऐसे में सभी विभागों के कर्मियों को लगाया जाता है। इसकी सूची पहले ही विभागों से ले लिया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात 394 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अलग-अलग कारण दर्शाते हुए पहले से ही चुनाव ड्यूटी से बाहर होने के फिराक में हैं। इसमें सबसे अधिक दिव्यांग 207 तो 141 का मातृत्व अवकाश दर्ज है। जिला विकास अधिकारी एसएन चौरसिया ने पत्र जारी करते हुए जांच कराने को कहा है, ताकि हकीकत सामने आ सके। उचित प्रमाण पर ही होगा मान्य
बाल्य देखभाल अवकाश, मातृत्व अवकाश, गर्भवती, दिव्यांग, गंभीर बीमारी तो किसी शिक्षक ने कोई अन्य कारण दर्शाया है। डीडीओ ने प्रत्येक कर्मचारी की सुस्पष्ट आख्या देने को कहा है। इसके तहत सीसीएल अथवा मातृत्व अवकाश पर अवधि और स्वीकृति दिनांक, दिव्यांग शिक्षक के दिव्यांगता का प्रतिशत, गंभीर बीमारी में स्पष्ट बीमारी और चिकित्सक की आख्या देना अनिवार्य किया गया है।
सभी बीईओ को पत्र जारी कर दिया गया हैँ। चुनाव कार्य में कोई बहाना नहीं चलेगा। यह सबकी जिम्मेदारी है। हर किसी को स्वेच्छा से इस कार्य में सहयोग करना चाहिए।
शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी