जोधपुर: राजस्थान हाई कोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते समय महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि शादीशुदा व अविवाहित बेटे-बेटियों में भेदभाव नहीं किया जा सकता है। अब सोच बदलने का समय आ गया है। शादीशुदा बेटे व बेटी में भी भेदभाव नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पिता की मौत के बाद सरकारी नौकरी पर शादीशुदा बेटी का भी हक है।
दरअसल, जैसलमेर निवासी शोभादेवी ने याचिका दायर कर कहा था कि उनके पिता गणपतसिंह बिजली विभाग के जोधपुर डिस्काम में लाइनमैन के पद पर कार्यरत थे। पांच नवंबर 2016 को उनका निधन हो गया। उनके परिवार में प}ी शांतिदेवी व पुत्री शोभादेवी ही बचे हैं। शांतिदेवी की तबीयत ठीक नहीं रहती। ऐसे में वह अपने पति के स्थान पर नौकरी करने में असमर्थ हैं। शादीशुदा शोभादेवी ने अपने पिता के स्थान पर मृतक आश्रित कोटे से नौकरी के लिए आवेदन किया था।