प्रयागराज : प्रदेश के 4500 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों के नई पेंशन योजना (एनपीएस) से आच्छादित और दिवंगत हो चुके शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के आश्रितों के लिए पुरानी पारिवारिक पेंशन का रास्ता साफ हो गया है।
19 मई 2016 को सरकार ने यह व्यवस्था दी थी कि एनपीएस से आच्छादित किसी शिक्षक या कर्मचारी की सेवाकाल में मृत्यु होने पर उसके आश्रित को पारिवारिक पेंशन तभी स्वीकृत की जाएगी, जब उसके एनपीएस खातों में जमा संपूर्ण धनराशि (अर्थात अभिदाता अंशदान और नियोक्ता अंशदान दोनों) सरकार को वापस लौटाया जाएगा।
इस धनवापसी के लिए सरकारी कर्मचारियों के मामले में तो खाते का प्रबंध किया गया था। लेकिन सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के मामले में अब तक इसका कोई खाता ही नहीं था। इसके कारण प्रदेश के सैकड़ों शिक्षकों-कर्मचारियों के आश्रितों की पारिवारिक पेंशन ही नहीं बन पा रही थी।
उत्तर प्रदेश शासन के वित्त विभाग के विशेष सचिव नील रतन कुमार ने 11 जनवरी 2022 को जारी आदेश में ‘वित्त नियंत्रक, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के पद नाम से बैंक खाता खोलने की व्यवस्था दे दी है। बैंक खाते का संचालन डुअल सिग्नेटरी से किया जाएगा, जिसमें वित्त नियंत्रक माध्यमिक के साथ शिक्षा निदेशालय के एक और अधिकारी को संयुक्त खातेदार बनाया जाएगा।
यह खाता खुलने से मृत शिक्षकों व कर्मचारियों के एनपीएस खातों में जमा संपूर्ण धनराशि ट्रस्टी बैंक के माध्यम से खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी। जिसे वित्त नियंत्रक प्रत्येक माह कोषागार में जमा कराएंगे। इसके साथ ही आश्रित को पारिवारिक पेंशन स्वीकृत कर दी जाएगी।
इनका कहना है
खाता खोलने के लिए काफी समय से संगठन की ओर से प्रयास किया जा रहा था। उम्मीद है कि पीड़ित परिवारों को जल्द पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा। साथ ही प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार की तरह एनपीएस में अभिदाता यानि कर्मचारी की ओर से किए गए अपने अंशदान तथा उसके लाभांश को भी उसके आश्रित को एकमुश्त देने का प्रावधान करना चाहिए।
लालमणि द्विवेदी, प्रदेश महामंत्री माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई गुट