लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण बढ़ता जा रहा है। बुधवार को यहां दो विद्यार्थियों और एक संविदा पर तैनात शिक्षिका के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इनमें से बीकाम आनर्स तीसरे सेमेस्टर का छात्र हबीबुल्लाह छात्रावास में रहता है। वहीं, छात्रा बीपीएड की और संविदा पर तैनात शिक्षिका नवीन परिसर स्थित आइएमएस संस्थान की हैं। बीकाम आनर्स के छात्र को कैशियर कार्यालय के पास उर्दू विभाग के कमरे में बैठाकर परीक्षा दिलाई गई।
दरअसल, विश्वविद्यालय के हबीबुल्लाह छात्रावास में रहने वाले कई छात्रों में सर्दी, जुकाम आदि के लक्षण हैं। मंगलवार को बीकाम आनर्स द्वितीय वर्ष के एक छात्र की तबियत खराब हो गई। अन्य छात्रों ने विश्वविद्यालय की एंबुलेंस के लिए फोन किया, लेकिन एंबुलेंस की सुविधा न मिलने पर प्रोवोस्ट डा. महेंद्र अग्निहोत्री को सूचित किया गया। उन्होंने 108 एंबुलेंस के जरिए छात्र को भेजकर जांच कराई, जिसमें वह संक्रमित पाया गया। उसके बाद बुधवार को 30 और छात्रों को भी सिविल अस्पताल में भेजकर जांच करवाई गई है। जिनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
हास्टल से परिसर तक अकेले आया : जिस छात्र की रिपोर्ट कोरोना पाजीटिव आई। उसकी परीक्षा दोपहर दो बजे से थी। छात्र हबीबुल्लाह छात्रावास से कैशियर कार्यालय तक टहलता हुआ आया। उसके बाद उर्दू विभाग में उसे परीक्षा के लिए बैठाया गया।
अभिभावकों को दी गई सूचना : प्रवोस्ट डा. महेंद्र अग्निहोत्री ने बताया कि संक्रमित छात्र के अभिभावकों को सूचित कर दिया गया है। साथ ही उसे हास्टल में अलग रखा गया है। कोविड कमांड सेंटर से महमूदाबाद छात्रावास में भी 25 से 30 छात्रों की जांच के नमूने लिए गए हैं।
निशुल्क जांच कैंप के लिए डीएम को भेजा पत्र : लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर एवं छात्रावासों में काफी संख्या में छात्रों के जुकाम एवं बुखार से पीडि़त हैं। कई छात्र कोविड संक्रमित भी हो गए हैं। इसके अलावा कई शिक्षक व कर्मचारी भी इस समस्या से ग्रसित हैं। ऐसे में बुधवार को कुलसचिव डा. विनोद कुमार ङ्क्षसह ने डीएम को पत्र भेजकर विश्वविद्यालय में फ्री जांच और वैक्सीनेशन कैंप लगवाने का अनुरोध किया है। माना जा रहा है कि जांच होने पर संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी।
छात्रावास को कराया गया सैनिटाइज : बुधवार को हबीबुल्लाह छात्रावास में एक छात्र के संक्रमित होने की सूचना पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने हास्टल को सैनिटाइज कराने के लिए हाइपो क्लोराइड से भरा गैलन भेजा। जिसे छात्रों ने यह कहकर पटक दिया कि इसमें सिर्फ पानी है। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे गलत बताया। बाद में पूरे हास्टल को सैनिटाइज कराया गया।