गोरखपुर: गोरखपुर में गलन बरकरार है। आगामी 4 व 5 फरवरी को बारिश के भी आसार बन रहे हैं। जाड़े के जोर से शरीर का रोम-रोम कांप उठा है। मौसम विशेषज्ञ कैलाश पाण्डेय ने पूर्वानुमान जताया है रविवार से सोमवार तक सुबह भी हल्का कोहरा छाया रह सकता है। दिन में कोल्ड डे जैसी स्थिति रह सकती है। पछुआ हवाओं के चलते गलन बरकरार रहेगी। यह स्थिति अगले कुछ दिनों तक रह सकती है। ठंड बढ़ने की वजह है कि पहाड़ों पर बर्फबारी हो है। पछुआ हवा 15 किलोमीटर प्रति घण्टे के रफ्तार से चल रही है। गर्म कपड़ों में भी लोग कांपते नजर आ रहे हैं। मौसम विशेषज्ञ के मुताबिक पछुआ हवाएं 10 किलोमीटर से अधिक गति से चलेंगी, गलन बढ़ेगी।
पछुआ हवाओं ने बढ़ाई गलत
मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया था कि पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते तापमान में गिरावट आ सकती है। न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है। अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे रह सकता है। पछुआ हवाओं के तेज चलने से तापमान में गिरावट आई है। गलन बढ़ गई है। शनिवार को न्यूनतम तापमान 6.6 डिग्री सेल्सियस रहा। यह जनवरी के औसत न्यूनतम तापमान से करीब 2.3 डिग्री सेल्सियस कम है। दिन का अधिकतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा। मौसम विभाग ने संभावना जतायी है कि रविवार की सुबह हल्का कोहरा छाया रह सकता है। दिन में कोल्ड दे जैसी स्थिति रह सकती है। यह स्थिति अभी अगले कुछ दिनों तक रह सकती है। मौसम विशेषज्ञ ने बताया कि रविवार सुबह का न्यूनतम तापमान 7 से 9 डिग्री सेल्सियस के करीब रह सकता है। अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस से नीचे रह सकता है।
फसलों पर मौसम मेहरबान
पखवारे भर में तीन बार हुई हल्की बारिश का गेहूं का अच्छा लाभ मिलेगा। आलू व सरसों की फसल प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि आलू के फसल पर अभी कहीं बड़े रूप में झुलसा का प्रभाव दिखा नहीं है। कुछ स्थानों पर इसका प्रभाव है भी तो वह न के बराबर है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी संजय यादव का कहना है कि अभी कहीं से भी झुलसा रोग लगने की सूचना नहीं मिली है। इसकी वजह है कि बारिश हुई लेकिन तापमान नहीं गिरा है। आगे तापमान गिरने के आसार हैं तो आसमान साफ रहने के संकेत हैं। ऐसे में सभी फसलों को मौसम का लाभ मिलेगा।
जिन किसानों ने अभी तक आलू में रसायन का छिड़काव न किया हो वह मैंको जेब 64 प्रतिशत, मेटल एक्सिल प्लस आठ प्रतिशत दो ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर आलू पर छिड़काव कर दें। सरसों के लिए अभी सिर्फ निगरानी करें। यदि कहीं प्रकोप दिखे तो शुरुआती दौर में नीम आयल का छिड़काव करें। यदि फिर भी माहों का प्रकोप कम न हो तो क्लोरो पाइरीफास का छिड़काव करें। इससे गेहूं, आलू व सरसों तीनों का अच्छा उत्पादन मिलेगा।