प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढऩे के साथ ही कड़ाके की ठंड भी पड़ रही है। शासन ने छात्र-छात्राओं की सेहत का ध्यान रखते हुए सभी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है और इस दौरान आनलाइन पढ़ाई कराने के निर्देश हैं। मुख्य सचिव का आदेश होने के चंद घंटे बाद ही बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने निर्देश दिया कि छात्र-छात्राओंकी छुट्टी रहेगी लेकिन, विधानसभा चुनाव के लिए शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मियों का विद्यालय आना अनिवार्य है।
मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा और परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल की ओर से आदेश जारी होने के बाद जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारियों व जिलाधिकारियों की ओर से मनचाहे आदेश हुए हैं। बस्ती की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक व शिक्षणेतर कर्मचारी विद्यालय में उपस्थित होकर चुनाव कार्य और वैक्सीनेशन कार्य में योगदान देंगे। सीडीओ बस्ती ने गैरहाजिर नौ शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश दिया है। सुलतानपुर व कन्नौज के जिलाधिकारी ने आदेश दिया है कि स्कूल बंद रहेंगे और कक्षाएं आनलाइन चलेंगी।
महराजगंज व अयोध्या के बीएसए ने शासनादेश के अनुरूप 50 प्रतिशत कार्मिकों को उपस्थित होने का निर्देश दिया है, यह भी लिखा है कि ये निर्देश उन पर लागू नहीं होंगे जो विधानसभा चुनाव व कोविड वैक्सीनेशन कार्य में लगे हैं। मथुरा व मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निर्देश दिया है कि शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारी आवश्यकतानुसार के स्कूलों में उपस्थित होंगे। प्रतापगढ़ के बीएसए ने आदेश दिया है कि शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है और शासन के आदेश का अनुपालन किया जाए। आजमगढ़ के बीएसए ने आदेश दिया है कि स्कूलों में भौतिक रूप से पठन-पाठन स्थगित रहेगा। जिलों में अलग-अलग आदेश से असमंजस है। शिक्षक ऐसे आदेशों से खफा भी हैं, उनका कहना है कि चुनाव और बच्चों को वैक्सीन देने का कार्य पूरे प्रदेश में हो रहा है, तब अलग आदेश समझ से परे हैं।