प्रयागराज : यह महज संयोग है या कुछ और, लेकिन प्रश्न उठ रहे हैं कि यूपीटीईटी-2021 के प्रश्नपत्र में अधिकांश प्रश्न वर्ष 2017 की यूपीटीईटी से रिपीट हुए हैं। ऐसा किसी एक विषय के प्रश्नों में नहीं, बल्कि कई में हुआ है। इस स्थिति पर शिक्षक ने हैरानी जताई है। कहा है कि हिंदी विषय में अपठित गद्यांश भी रिपीट हुआ है।
प्राथमिक स्तर की यूपीटीईटी-2021 में 150 प्रश्न पूछे गए। इसमें पांच विषय से जुड़े प्रश्न शामिल हैं। बाल विकास में शिक्षण विधि के 30 प्रश्न हैं। इसी तरह भाषा प्रथम में हिंदी में 30, भाषा द्वितीय में अंग्रेजी या संस्कृत अथवा उर्दू में क्रमश: 30-30 प्रश्न, गणित और पर्यावरण अध्ययन में 30-30 प्रश्न हैं। इसी तरह वर्ष 2017 की परीक्षा में भी प्रश्नपत्र तैयार किए गए थे। कौशांबी के टेवां स्थित एक विद्यालय के सहायक अध्यापक अनिल कुमार पाण्डेय ने प्रश्नपत्र सेट किए जाने पर सवाल उठाए हैं। दावा किया है कि शिक्षण विधि, हिंदी, संस्कृत, गणित और पर्यावरण अध्ययन में पूछे गए
अधिकांश प्रश्न वर्ष 2017 से हूबहू लिए गए हैं। उदाहरण के लिए हिंदी विषय में 2021 की परीक्षा में 31 नंबर पर प्रश्न है- घुमक्कड़ शब्द में कौन सा प्रत्यय है? 32 नंबर पर प्रश्न है- महावीर स्वामी का जन्म कहां हुआ था? 33 नंबर पर प्रश्न है स्वच्छंद में कौन सी संधि है। वर्ष 2017 की यूपीटीईटी में भी यही प्रश्न थे, लेकिन प्रश्नों का क्रम 56,57,58 था। 20 से ज्यादा प्रश्न दोनों वर्षों के प्रश्नपत्रोंें में हैं।
शिक्षक ने अन्य विषयों में ऐसा होने का दावा किया है। युवा मंच ने वर्ष 2017 के प्रश्नपत्र से प्रश्न रिपीट होने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री को ट्वीट कर कहा है कि प्रश्नों को दोहराकर कोचिंग संस्थानों को लाभ पहुंचाने की कोशिश है। मंच अध्यक्ष अनिल सिंह ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने कोरोना गाइड लाइन न करने का आरोप लगाया है।
प्रश्नपत्र रिपीट होने के मामले में पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि परीक्षाओं में सवाल घुमा फिराकर पूछे ही जाते हैं। पूर्व में जो प्रश्न परीक्षा में आए होते हैं, वह बाद की परीक्षा के प्रश्नों में शामिल किए जाते हैं, जो सबके लिए समान होते हैं। उन्होंने आरोपों को गलत बताया है।
प्रयागराज : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपीटीईटी-2021) में गणित के प्रश्नों ने अभ्यर्थियों को खूब छकाया। औसत, बारंबारता व त्रिकोणमिति के प्रश्नों ने अधिक समय लिया। कई अभ्यर्थी इन प्रश्नों में उलझने की वजह से अन्य प्रश्नों को हल करने में पर्याप्त समय नहीं दे सके। अंग्रेजी व्याकरण में भी कई अभ्यर्थी परेशान हुए। एंटानिम और सिनानिम वाले प्रश्नों को अभ्यर्थी ने आसानी से हल किया लेकिन, पैराग्राफ पढ़कर उत्तर देने वाले प्रश्नों ने अधिक समय लिया।
अभ्यर्थियों ने बताया कि इस बार का प्रश्नपत्र बहुत आसान था, उन्होंने पिछले तीन साल के प्रश्नपत्र तैयार कर रखे थे। 2016, 2017 व 2018 में पूछे गए प्रश्नों का दोहराव इस बार खूब हुआ। खासकर पर्यावरण संबंधी प्रश्न 2017 के टेट से लिए गए।