लखनऊ। कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच शहर के स्कूल अभी एक हफ्ते तक स्थितियों पर नजर बनाए रखना चाहते हैं। यदि शासन का इस संबंध में कोई निर्देश नहीं आया तो वे स्वयं ही हाइब्रिड मोड में कक्षाएं चलाना शुरू कर देंगे। निजी स्कूलों के संगठन अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन की ऑनलाइन बैठक में यह सहमति बनी।
संगठन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि अभी अधिकांश विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश चल रहा है। ऐसे में फिलहाल एक हफ्ते तक स्थिति का परीक्षण किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में कक्षाएं चलाई जाएंगी। सीनियर छात्रों की कक्षाएं ऑफलाइन चलाने पर ही जोर है। उनके टीकाकरण पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है। टीकाकरण से काफी हद तक सुरक्षा का माहौल बनेगा। उन्होंने बताया कि सप्ताह के अंत में कक्षाओं के संचालन पर निर्णय ले लिया जाएगा। यदि इस बीच शासन ने इस संबंध में एसओपी जारी की तो उसका ही पालन किया जाएगा। पॉयनिर मॉन्टेसरी स्कूल की प्रधानाचार्या शर्मिला सिंह ने बताया कि अभी छोटे बच्चों का शीतकालीन अवकाश है, इसलिए ऑनलाइन कक्षा निर्णय नहीं लिया है। कोरोना के मामले ज्यादा बढ़े तो पांचवीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन की जा सकती हैं। सीनियर बच्चों को कई कक्षाओं में विभाजित कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। वरदान इंटरनेशनल एकेडमी की प्रधानाचार्या ऋचा खन्ना ने बताया कि विकट परिस्थितियां बनीं तो पुरानी रणनीति के तहत कक्षाएं चलाई जा सकती हैं। उधर, परिषदीय को छोड़ यूपी बोर्ड के सभी माध्यमिक विद्यालय खुले हैं। इनके प्रधानाचार्यों ने बताया कि शासन से जो भी निर्देश आएगा उसके अनुसार ही कक्षाएं चलाई जाएंगी। फिलहाल सभी स्कूल यूनिट टेस्ट की तैयारी में जुटे हैं। उधर, अभिभावक विचार परिषद के अध्यक्ष राकेश सिंह ने डिप्टी सीएम डॉ. निदेश शर्मा से स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित कराए जाने की मांग की है।
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