यूपी बोर्ड से जुड़े प्रदेशभर के 28 हजार से अधिक स्कूलों में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 51 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं की प्री-बोर्ड प्रयोगात्मक परीक्षाएं फंस गई हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने छह फरवरी तक स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया है। इसके चलते भौतिक रूप से छात्रों की प्रयोगात्मक परीक्षा कराना स्कूलों के लिए संभव नहीं हो पा रहा।
बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने पिछले साल 14 अगस्त को सत्र 2021-22 के लिए कक्षा 9 से 12 तक का संभावित शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था। पिछले साल कोरोना के कारण बगैर परीक्षा कराए 10वीं-12वीं के बच्चों का रिजल्ट तैयार करने में हुई परेशानी को देखते हुए इस सत्र में पहली बार प्री-बोर्ड प्रायोगिक परीक्षा कराने के निर्देश दिए थे। इसके लिए स्कूलों का 24 से 31 जनवरी तक का समय दिया गया था। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में यह संभव नहीं दिखता। यदि कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में नहीं आती तो आगे का सत्र भी प्रभावित होगा। क्योंकि फरवरी के प्रथम सप्ताह से प्री-बोर्ड की लिखित परीक्षा और कक्षा 9 व 11 की गृह परीक्षाएं प्रस्तावित हैं। फरवरी के अंतिम सप्ताह से 10वीं-12वीं की प्रायोगिक परीक्षाएं भी होनी है।
इनका कहना है
स्कूलों में बंदी के कारण असमंजस की स्थिति है। प्री-बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 31 जनवरी तक पूरी करनी है जो स्कूल खुले बगैर संभव नहीं। कोरोना संक्रमण की भी कोई समयसीमा नहीं कि कब सामान्य होगा। ऐसे में सत्र नियमित रहने को लेकर संशय है।
युगल किशोर मिश्र, प्रधानाचार्य, ज्वाला देवी इंटर कॉलेज रसूलाबाद