बेसिक शिक्षा परिषद के अंग्रेजी माध्यम से संचालित प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों को ढाई साल बाद योग्य शिक्षक नहीं मिल सके हैं। जिले के अंग्रेजी माध्यम परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के चयन के लिए 25 मार्च 2019 तक आवेदन लिए गए थे। 16 मई को लिखित परीक्षा हुई। 26 जून से एक जुलाई तक अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ। 31 अगस्त और एक सितंबर 2019 को विद्यालय के विकल्प भरवाए गए।
लेकिन इसके बाद से पदस्थापन की कार्रवाई नहीं हो सकी। चयनित शिक्षकों ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद से बीएसए कार्यालय तक दौड़ लगाकर हार गए, लेकिन कुछ नहीं हुआ। ये स्थिति तब है जबकि सरकार ने महत्वाकांक्षी पहल के तहत स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम से शुरू किया था। ग्रामीण इलाके के अंग्रेजी स्कूलों के प्रति अभिभावकों ने भी रुझान दिखाया था।
इन स्कूल के बच्चों के लिए अंग्रेजी माध्यम की किताबें छपवाई गईं लेकिन उन्हें पढ़ाने वालों का इंतजाम नहीं हो सका। अकेले प्रयागराज में ही लगभग 500 शिक्षकों की तैनाती फंसी है। इसके अलावा लखनऊ, मथुरा, फतेहपुर व बदायूं आदि एक दर्जन से अधिक जिलों में तैनाती नहीं हो सकी है। जिले में 112 प्राथमिक और 24 उच्च प्राथमिक विद्यालय अंग्रेजी माध्यम के हैं।