बदायूं में ब्लॉक म्याऊ के प्राथमिक विद्यालय चंगासी में निशुल्क वितरण को आईं किताबों को रद्दी में बेचने के मामले में बीएसए डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह ने शिक्षामित्र की सेवा समाप्त करने के साथ विद्यालय के प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक को निलंबित कर दिया है। मामले में दो सदस्यों की जांच टीम ने इन लोगों को किताबें रद्दी में बेचने के मामले में दोषी पाया है।
प्राथमिक विद्यालय चंगासी से बृहस्पतिवार को एक टेंपो में भर कर सरकारी किताबों को रद्दी में बेचने के लिए कबाड़ी के यहां भेजा जा रहा था। इस दौरान गांव के कुछ लोगों ने टेंपो रोक लिया। कुछ लोगों ने इसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। मामले में बृहस्पतिवार को ही खंड शिक्षा अधिकारी हर्षित शर्मा से शिकायत की गई।
प्रकरण बीएसए डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह के संज्ञान में आया तो उन्होंने जांच के लिए दो सदस्यों की कमेटी गठित कर दी। एसडीएम दातागंज राज शिरोमणि ने भी मामले में संज्ञान लिया। शुक्रवार को जांच टीम में शामिल ट्रेनी पीसीएस बीडीओ उदित नारायण और खंड शिक्षा अधिकारी हर्षित शर्मा चंगासी प्राथमिक स्कूल पहुंचे।
अधिकारियों ने यहां ग्रामीणों से बात की और वायरल वीडियो के बारे में भी जानकारी जुटाई। जांच में पाया गया कि प्राथमिक स्कूल में छात्र-छात्राओं को किताबों का वितरण नहीं किया गया था। इन सरकारी किताबों को रद्दी में बेचा जा रहा था। जांच टीम को ग्रामीणों से काफी किताबें भी मिलीं। इसके बाद बीएसए डॉ. महेंद्र प्रताप सिंह ने शिक्षामित्र जगतपाल की सेवा समाप्त कर दी है। इसके साथ ही प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक को निलंबित कर दिया।