गरीब बच्चों को निजी स्कूल प्रवेश देने में आनाकानी कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में अपर शिक्षा निदेशक ललिता प्रदीप ने निर्देश जारी कर रहे हैं कि शर्तों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों की मान्यता वापस लेने की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा है कि विभाग जब स्कूलों को चयन सूची उपलब्ध कराई जाती है तो विद्यालय प्रबंधन प्रवेश नहीं लेते हैं।
चयनित बच्चों के अभिभावकों से अनावश्यक प्रमाणपत्रों या कागजों की मांग करना, समय-समय पर ऐसे बच्चों से वसूली करके रसीद उपलब्ध न कराना, बच्चों का नाम स्कूल से काट दिया जाना और अनावश्यक अभिभावकों को बच्चों को तंग करने जैसी शिकायतें विभाग में की जा रही हैं जबकि आईसीएसई व सीबीएसई आदि बोर्डों में कक्षा 9 से 12 तक की मान्यता के लिए बेसिक शिक्षा विभाग से कक्षा एक से आठ तक के लिए मान्यता एनओसी देने के बाद ही केन्द्रीय बोर्ड विचार करते हैं। बेसिक शिक्षा से मान्यता लिए बिना अन्य बोर्डों के हायर सेकेण्डरी की मान्यता प्राप्त नहीं हो सकती। आरटीई एक्ट के तहत मान्यता की शर्तों में एक या इससे ज्यादा के उल्लंघन पर मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई की जाएगी।