प्रयागराज : 28 नवंबर को पेपर लीक के कारण निरस्त होने के बाद दोबारा 23 जनवरी को होने जा रही उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) को बेदाग कराना परीक्षा नियामक प्रधिकारी कार्यालय के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। सबसे बड़ी समस्या है कि तमाम केंद्रों पर स्मार्टफोन पर रोक नहीं लग पा रही।
शासन ने पिछली कई परीक्षा से यह आदेश कर रखा है कि कक्ष निरीक्षक (शिक्षक), केंद्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य), स्टाफ और निरीक्षण पर आने वाले अफसरों और मजिस्ट्रेट के पास केंद्र के अंदर स्मार्टफोन नहीं होना चाहिए। केवल की-पैड वाला सामान्य फोन बातचीत के लिए रह सकता है। लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बाबू और कई स्कूलों के प्रधानाचार्य व स्टाफ परीक्षा के दौरान भी स्मार्टफोन का चोरी से इस्तेमाल करते हैं।
28 नवंबर को पेपर लीक के बाद भी प्रयागराज समेत कई जिलों में परीक्षा शुरू हो गई थी। परीक्षा के दौरान कई केंद्र व्यवस्थापकों ने व्हाट्सएप ग्रुपों पर अभ्यर्थियों की उपस्थिति अपडेट की थी। यानी परीक्षा के दौरान प्रधानाचार्य अनधिकृत रूप से स्मार्टफोन चला रहे थे। ऐसे में कोई प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर वायरल कर दे तो हंगामा तय है। सूत्रों के अनुसार परीक्षा से पहले शासन स्तर पर होने जा रही वीडियो कान्फ्रेंसिंग में इस बिन्दु पर प्रमुखता से चर्चा होने जा रही है। लापरवाही पर उड़नदस्ते में शामिल अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
खास-खास
-परीक्षा से एक घंटे पहले खुलेंगे परीक्षा कक्ष और हॉल
-पेपर शुरू होने से आधे घंटे पहले तक अभ्यर्थियों को अपना स्थान ग्रहण कर लेना है
-केंद्र अधीक्षक की अनुमति के बगैर अभ्यर्थी अपनी सीट या परीक्षा कक्ष नहीं छोड़ेंगे
-अभ्यर्थी अपने साथ कार्ड बोर्ड या क्लिप बोर्ड ला सकते हैं जिस पर कुछ लिखा नहीं होना चाहिए ताकि मेज की सतह समतल न होने पर उपयोग कर सकें।