लखनऊ। प्रदेशभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी होने की वजह से विद्यालय बंद हैं। इस दौरान स्कूलों में लिखित व प्रायोगिक परीक्षाएं पहले से निर्धारित रही हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने लिखित व प्रायोगिक परीक्षाएं कराने की अब सशर्त अनुमति दी है। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को भेजे आदेश में लिखा है कि पांच व नौ जनवरी को शासन ने कोरोना संक्रमण की वजह से सभी विद्यालयों को 16 जनवरी तक बंद रखने का निर्देश दिया था, वहीं 11 जनवरी को जारी आदेश में शासन ने लिखित व प्रायोगिक परीक्षाओं के लिए छात्र-छात्राओं को विद्यालय आने की छूट दी गई है। ऐसे में जिन माध्यमिक विद्यालयों में पहले से निर्धारित लिखित व प्रायोगिक परीक्षाएं कराया जाना अनिवार्य हैं उन्हें प्रतिबंधों के साथ अनुमति दी गई है।
अपर मुख्य सचिव का निर्देश है कि विद्यालय परिसर का नियमित सैनिटाइजेशन हो, शिक्षक-कर्मचारी सहित छात्र-छात्राएं अनिवार्य रूप से मास्क पहनें, शारीरिक दूरी का सख्ती से अनुपालन हो, किसी छात्र या शिक्षक को बुखार आने पर प्राथमिक उपचार दिलाकर तत्काल उसे घर भेजे जाने का इंतजाम हो। समय-समय पर शासन की ओर से जारी कोविड गाइडलाइन का पालन और स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए जिलाधिकारी की ओर से दिए गए निर्देशों का सख्ती से अनुपालन किया जाए। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ये निर्देश इसलिए जारी किए हैं, क्योंकि माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) के स्कूलों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की प्रीबोर्ड परीक्षा इसी माह प्रस्तावित है, साथ ही इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षाएं भी होनी हैं। इसीलिए विभाग को इस संबंध में निर्देश दिया है। इस समय जिस तेजी से संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है, उसे देखते हुए स्कूलों में पठन-पाठन होना संभव नहीं है, लेकिन परीक्षाएं जरूर हो सकती हैं।