उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने पारदर्शी और शुचितापूर्ण ढंग से परीक्षा कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब अभ्यर्थियों को परीक्षा के 48 घंटे पहले परीक्षा केंद्र की जानकारी मिल सकेगी। इसकी सूचना उन्हें ईमेल, वेबसाइट, एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। प्रवेश पत्र में केवल जनपद और परीक्षा केंद्र का कोड ही लिखा होगा।
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग अध्यक्ष संजय श्रीनेत के मुताबिक अगर इन माध्यमों से अभ्यर्थियों को सूचना देने में किसी भी तरह की दिक्कत आती है तो अखबार में विज्ञापन निकालकर केंद्र के बारे में जानकारी दी जाएगी। अभ्यर्थी अपने कोड के माध्यम से पता कर सकेंगे कि उनकी परीक्षा किस केंद्र पर होगी। इस व्यवस्था से केंद्र पर नकल रोकने में काफी हद तक रोक लगेगी।
इसके अलावा आयोग अब प्रत्येक भर्ती में दो स्तरीय या तीन स्तरीय परीक्षाएं कराने पर जोर देगा। एकल स्तरीय भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी एक परीक्षा पास करके नौकरी पा जाते हैं। ऐसे में पेपर आउट और नकल की ज्यादा शिकायतें सामने आती हैं। इसके अलावा आयोग अब भर्ती परीक्षा के दौरान जिस भी केंद्र पर गड़बड़ी मिलेगी, उस विद्यालय की मान्यता रद्द कराने, दोबारा किसी परीक्षा का केंद्र न बनाए जाने और आपराधिक धाराओं में एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई भी करेगा।
पीसीएस के लिए इसी माह से शुरू होंगे आवेदन
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग इस माह दो बड़ी भर्तियों का विज्ञापन जारी करेगा। इसमें पीसीएस-2022 और स्टाफ नर्स (पुरुष) की भर्तियां शामिल हैं। सचिव जगदीश के मुताबिक एक सप्ताह में स्टॉफ नर्स पुरुष के 448 पदों पर विज्ञापन जारी होगा। इसके बाद माह के अंत तक पीसीएस-2022 का विज्ञापन जारी होगा। इसकी तैयारी चल रही है। अब तक 68 पदों का अधियाचन आ चुका है। जल्द शेष पदों का अधियाचन मिलते ही विज्ञापन जारी किया जाएगा।
विषय विशेषज्ञ की भी होगी मॉनीटरिंग
अधिकतर भर्तियों में प्रश्नपत्र में त्रुटि के कारण भर्तियां अटक जाती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए आयोग अब इस बात पर जोर देगा कि पेपर बनाने वाले विषय विशेषज्ञ केंद्रीय विश्वविद्यालयों के नामी प्रोफेसर, शिक्षक हों। साथ ही यह देखा जाएगा कि जिन विषय विशेषज्ञों के पेपर में ज्यादा त्रुटि मिलती है, उनको दोबारा पेपर बनाने की जिम्मेदारी न दी जाए। इससे पेपर बनाने वाले विषय विशेषज्ञ की भी जिम्मेदारी तय होगी और वह प्रश्नपत्र त्रुटि रहित तैयार करेंगे