गोरखपुर,। कोरोना एक बार फिर नौनिहालों की पढ़ाई पर ग्रहण लगा दिया है। स्कूलों की खुलने की तारीख़ आगे बढ़ती जा रही है। ऐसे में विभाग ने बच्चों को घर-घर जाकर पढ़ाने की पहल की है। 100 दिन का रीडिंग कैंपेन शुरू हो गया हैं। यह मार्च तक चलेगा। रीडिंग कैंपेन का उद्देश्य बच्चों को पढ़ने के लिए सक्षम बनाना है। इसके लिए न केवल परिषदीय स्कूलों के अध्यापक नहीं, बल्कि अभिभावकों को भी शासन में कैंपेन से जोड़ने की योजना बनाई हैं।
इस तरह से चलेगा अभियान
इसके माध्यम से बच्चों की पढ़ाई को सुचारू रूप से रखने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि उनका पढ़ाई से मोहभंग न हो। रीडिंग कैंपेन में विद्यालय से मिलने वाली किताबों के अतिरिक्त अभिभावक घर पर दीवारों पर लिखे संदेश, बर्तनों पर उनके नाम, घर परिवार के सदस्यों का नाम, अखबार, खरीदारी करने वाले सामानों की सूची आदि माध्यम बच्चों को प्रतिदिन पढ़ने के लिए उपलब्ध करा सकते हैं।
विद्यालय भी भेजेगा सामग्री
विद्यालय भी आन-लाइन पढ़ाई के लिए चल रहे ग्रुप के माध्यम से बच्चों के पढ़ाई के लिए सामग्री और वीडियो दैनिक रूप से उपलब्ध कराएंगे। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा भी साप्ताहिक रूप से गतिविधियां लिंक भेजा जा रहा है। इसको शिक्षकों द्वारा बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है।
प्रतिदिन दो घंटे की पढ़ाई
शासन ने अभिभावकों को भेजे संदेश में स्पष्टता किया है कि दो घंटे की पढ़ाई के लिए बच्चों को बैठना आवश्यक है। तभी वह पढ़ने सक्षम बन पाएंगे। बच्चों के साथ-साथ घर के अन्य सदस्यों को पढ़ाई से जोड़ने की बात कही गई है।
शासन के निर्देश पर शुरू किया गया है अभियान
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएसए विमलेश कुमान ने बताया कि शासन स्तर से 100 दिवसीय रीडिंग कैंपेन शुरू किया गया है। इस पर जिले की क्वालिटी टीम के साथ शिक्षक भी स्कूल स्तर पर कार्य कर रहे हैं। इसके सकारत्मक नतीजें आएंग। बच्चों की पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ेगी।