कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर स्कूलों की बंदी छह फरवरी तक बढ़ाते हुए बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं चलाने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन सीबीएसई, सीआईएससीई, यूपी बोर्ड समेत सभी बोर्ड के लगभग आधे बच्चे ही ऑनलाइन कक्षाओं में जुड़ पा रहे हैं। इससे लाखों बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का नुकसान हो रहा है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग की रविवार को हुई वर्चुअल समीक्षा में यह बात सामने आई कि ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए प्रदेश में मात्र 54 प्रतिशत बच्चे ही जुड़ पा रहे हैं। इस पर शासन के आला अधिकारियों ने नाराजगी जताई है। यूपी बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को सोमवार को पत्र जारी कर ऑनलाइन कक्षाओं में शत-प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
सभी बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं से जोड़ते हुए इसकी सूचना दो फरवरी तक मांगी है। छात्रहित, पढ़ाई-लिखाई की निरंतरता बनाए रखने और सत्र को नियमित बनाए रखने के लिए ई-लर्निंग और डिजिटल/व्हाट्सएप के माध्यम से ऑनलाइन पठन-पाठन की सुचारु व्यवस्था और निगरानी की जिम्मेदारी डीआईओएस और मंडल में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को दी गई है।
इन बिंदुओं पर मांगी सूचना
● जिले में स्कूलों की संख्या।
● कक्षा 9 से 12 तक पंजीकृत बच्चे।
● ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे छात्र।
● व्हाट्सएप ग्रुपों की संख्या।
● कितने शिक्षक ऑनलाइन पढ़ा रहे।