गौरीगंज (अमेठी)। शैक्षिक सत्र समाप्त होने के करीब है। परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत 26,337 विद्यार्थी आज भी यूनिफार्म अनुदान राशि का इंतजार कर रहे हैं। कई विद्यार्थियों का डेटा शिक्षक व बीईओ स्तर पर लंबित है तो बड़ी संख्या में बैंक खाते आधार सीड नहीं होने से अनुदान राशि अंतरित नहीं हो पा रही है। जानकारी के बावजूद विभाग डेटा अग्रसारित करने के साथ बैंक खाते में आधार सीड कराने की प्रक्रिया करने की बात कहते हुए अपनी जिम्मेदारी पूरी करने में जुटा है।
शासन-प्रशासन के तमाम दिशा-निर्देश के बाद भी परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं को समय रहते राशि उपलब्ध न होना बेसिक शिक्षा विभाग की व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिले में 1139 प्राथमिक, 234 उच्च प्राथमिक व 197 कंपोजिट परिषदीय स्कूल, 33 सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल व 35 राजकीय स्कूल संचालित हैं। स्कूल में पंजीकृत 1.98 लाख बच्चों को शैक्षिक सत्र 2021-22 में ड्रेस, बैग, जूता-मोजा व स्वेटर वितरित नहीं कर अभिभावकों के खाते में धनराशि देने की योजना बनाई गई है।
छह नवंबर को 1.10 लाख बच्चों के खाते में राशि अंतरित करने के बाद चरणबद्ध तरीके से 11 सौ रुपये प्रति विद्यार्थी ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा व स्कूल बैग क्रय करने के लिए अंतरण की कार्रवाई की गई है। बावजूद इसके शिक्षा सत्र समाप्त होने के करीब है, लेकिन परिषदीय विद्यालयों के 26,337 हजार छात्र-छात्राओं को अब तक अनुदान राशि नहीं मिल सकी है। विभाग के अनुसार तकनीकी गड़बड़ी व अभिभावकों के बैंक खाते आधार सीड नहीं होने धनराशि अंतरित नहीं हो सकी है।
हकीकत में 4517 विद्यार्थियों का डेटा शिक्षक स्तर तो 3527 विद्यार्थियों का डेटा बीईओ स्तर पर लंबित हैं। 18,287 विद्यार्थियों के अभिभावाकों के बैंक खाते में आधार सीड नहीं होना बताया जा रहा है। विभाग तकनीकी कमी व अभिभावकों के बैंक खाते आधार सीड कराने को कोशिश चलने की बात कह रहा है। बीएसए डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि शिक्षक व बीईओ स्तर पर लंबित डेटा तत्काल अग्रसारित करने का निर्देश देते हुए डेटा लंबित रखने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन अभिभावकों के बैंक खाते में आधार कार्ड लिंक नहीं है उनसे संपर्क कर बैंक में आधार लिंक कराने की कवायद चल रही है। जल्द ही सभी कमियों को दूर कर वंचित विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते में अनुदान राशि अंतरित की जाएगी।
जिला समन्वयक अरुण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को समय रहते ड्रेस, स्वेटर, जूता-मोजा व स्कूली बैग मिल सके, इसके लिए पहली बार शासन ने छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में राशि भेजने की घोषणा की थी। प्रत्येक अभिभावक के खाते में 1100 रुपये भेजने का प्रावधान रखा गया है। इसमें 300 रुपये में दो सेट ड्रेस, 200 रुपये मेें स्वेटर, 125 रुपये में जूता-मोजा व 175 रुपये में स्कूली बैग की खरीदारी करनी थी। अनुदान राशि अंतरित होने के बाद अभिभावक ड्रेस समेत अन्य सामग्री क्रय भी कर चुके हैं।