गोरखपुर। सरकार ने परिषदीय स्कूलों के बच्चों के निश्शुल्क यूनीफार्म, स्वेटर व जूता-मोजा के लिए धन तो दे दिया, लेकिन शिक्षकों की लापरवाहीं के चलते धनराशियां उन तक नहीं पहुंच पा रही है। शैक्षिक सत्र समाप्त होने के करीब है, लेकिन अभी भी जिले के 1लाख 27 हजार बच्चें यूनिफार्म के लिए अनुदान राशि का इंतज़ार कर रहे हैं। इसकी वजह 33 हजार बच्चों का ब्योरा शिक्षक व 307 का ब्योरा खंड शिक्षाधिकारी स्तर पर लंबित होने व बैंक खाते आधार से लिंक न होना है।
गोरखपुर सहित 15 जिलों की प्रगति संतोषजनक नहीं
शिक्षा निदेशक बेसिक ने गत दो फरवरी को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) कार्य की समीक्षा की। जिसमें गोरखपुर समेत 15 जनपदों में कार्य की प्रगति संतोषजनक नहीं मिली। इन जिलों के शिक्षा अधिकारियों को फटकार लगाते हुए शिक्षा निदेशक ने दस फरवरी तक कार्य पूर्ण कराने का निर्देश दिया है। साथ ही इस तिथि तक कार्य पूर्ण न होने पर शिथिलता बरतने के कारण कार्रवाई की चेतावनी दी है।
दो चरणों में लाभान्वित हो चुके हैं 2 लाख 16 हजार बच्चें
योजना के तहत जनपद में 3.43 लाख बच्चों को डीबीटी DBT के तहत उनके खाते में धनराशियां भेजनी थी। अभी तक दो चरणों पहले चरण में 1.20 लाख तथा दूसरे चरण में 96 हजार समेत कुल 2.16 लाख अभिभावकों के खाते में ही धनराशि भेजी जा सकी है।
इन मदों में खर्च करनी है धनराशि
छात्रों के अभिभावक के खाते में जो 1100 रुपये भेजे जा रहे हैं, उससे 600 रुपये में दो जोड़ी यूनिफार्म, 200 रुपये में स्वेटर, 125 रुपये में जूता-मोजा व 175 रुपये में स्कूल बैग की खरीदारी करनी है।
तीसरे चरण में धनराशि भेजे जाने की चल रही प्रक्रिया
बेसिक शिक्षा अधिकारी बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि अब तक दो चरणों में 2.16 लाख अभिभावकों के खाते में धनराशियां भेजी जा चुकी है। तीसरे चरण में 74503 खातों में धनराशि प्रेषित करने की प्रक्रिया चल रही है। कोशिश है कि जल्द से जल्द सत्यापन कर शेष खातों में भी धनराशि भेज दी जाएं।