वाराणसी: निजी विद्यालयों में बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए दाखिले की दौड़ दो मार्च से शुरू हो जाएगी। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत अलाभित व दुर्बल समूह के बच्चों को इस सत्र में 8837 सीटों पर नर्सरी व कक्षा एक में प्रवेश मिलेगा। कोरोना काल में बंद स्कूलों की वजह से इस बार शिक्षा का अधिकार कानून के तहत निजी विद्यालयों में निशुल्क दाखिले के अवसर थोड़े कम हो जाएंगे। कक्षा एक में पिछले साल के मुकाबले 500 सीटें कम कम हो जाएंगी। इसकी वजह है विभाग द्वारा स्कूलों की मैपिंग, जिसके तहत कुछ ऐसे स्कूल सामने आए हैं जो कोरोना काल में बंद हो गए हैं। विभाग इन स्कूलों की मैपिंग में जुटा हुआ है, ताकि पिछले साल की तरह इस साल बच्चों को चक्कर न लगाना पड़े। इस साल 1145 स्कूलों में आठ हजार 837 सीटें हैं।
बच्चों को दूसरे स्कूलों में कराना पड़ा था दाखिला
आरटीई के तहत पिछले साल कई ऐसे स्कूल थे, जिनका नाम पोर्टल में दर्ज था, मगर वे अस्तित्व में नहीं थे। ऐसे स्कूलों में उपलब्ध सीटों की गणना भी कर ली गई थी। बच्चों को स्कूल आवंटित हो गया था। वहां जाने पर पता चला कि स्कूल बंद हैं। ऐसे बच्चों को बाद में दूसरे स्कूलों में शिफ्ट करना पड़ा। वहीं कुछ ऐसे स्कूल थे, जिनकी एंट्री आरटीई के पोर्टल पर दो बार हो गई थी। जिसकी वजह से बच्चों व अभिभावकाें को परेशानी उठानी पड़ी थी।
28 फरवरी तक स्कूलों को कराना होगा पंजीकरण
आरटीई के तहत जिन निजी स्कूलों ने अब तक अपना पंजीकरण नहीं कराया है। उन स्कूलों को 28 फरवरी तक आरटीई पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। बीएसए राकेश सिंह ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्कूलों का पंजीकरण कराने का निर्देश दिया है।
ऑनलाइन होंगे आवेदन
आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए इस बार केवल ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। लेकिन ऐसे अभिभावक जो ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, ऑफलाइन आवेदनों को बीएसए खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा फीड किया जाएगा।