गोंडा। बेसिक स्कूलों को दोपहर में बच्चों को भोजन देने की एमडीएम योजना में बड़ा बदलाव हुआ है। भोजन बनाने के लिए स्कूलों में नियुक्त 7700 रसोइयों को मानदेय के लिए पांच से छह महीने इंतजार करना पड़ता था। स्कूलों में भोजन बनाने के लिए स्कूलों को मिलने वाले बजट में देरी होती थी। अब पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) की व्यवस्था तैयार हो रही है। ट्रेजरी से मुक्ति मिल जाएगी और बजट मिलने का झंझट खत्म हो जाएगा। बैंक में लिमिट तय हो गई है, हर माह रसोइयों को मानदेय मिलेगी। इसके साथ ही भोजन बनाने के लिए कनवर्जन कास्ट भी समय से मिलेगा।
नई व्यवस्था को लागू करने के लिए जिले में प्रक्रिया तेज हो गई है। जिले में 7700 रसोइयां हैं, और 2692 स्कूल प्रबंध समितियों का खाता है। बेसिक स्कूलों में भोजन बनाने वाली रसोइयों का डाटा फीड करने की कवायद शुरू हो गई है। परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों को कोषागार के माध्यम से मानदेय भुगतान होता था। पीएफएमएस के माध्यम से सीधे भुगतान करने की कार्रवाई की जाएगी। इस दिशा में विभाग ने रसोइयों का डाटा फीड कराने की कवायद में जुट गया है। डाटा फीडिंग में स्कूल का नाम, पता, विद्यालय शिक्षा समिति के बैंक खाता का नंबर, आइएफसी कोड, रसोइया का नाम, पता, आधार कार्ड नंबर, बैंक खाते में शेष राशि, व्यय की गई राशि सहित पूरा विवरण अंकित होगा। इसकी इंट्री होते ही विभाग के अधिकारी कार्यालय से बैठे-बैठे किसी भी स्कूल में एमडीएम की स्थिति का पता ऑनलाइन कर सकते हैं।
रसोइयों के मानदेय का भुगतान इसी माध्यम से होना है। ऐसा होने से एमडीएम योजना में पारदर्शिता आएगी। कोई भी गलती करेगा तो साइट पर अधिकारी देख सकेंगे। जहां पर खाद्यान्न की कमी होगी या राशि की कमी होगी, वहां स्थिति देख कर अविलंब भुगतान हो सकेगा।
एमडीएम में धांधली पर भी लगेगा अंकुश
बेसिक स्कूलों के लिए नई व्यवस्था से मध्यान्ह भोजन योजना में कोई धांधली नहीं चलेगी। इसके लिए सभी स्कूलों की जानकारी को पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) पर इंट्री करा रहा है। आने वाले समय में स्कूल एवं रसोइया, विद्यालय शिक्षा समिति के खाते का विवरण ऑनलाइन पीएफएमएस साइट पर नहीं इंट्री कराया जाता है, तो उनको मिलने वाली निधि के साथ ही रसोइयों के मानदेय भुगतान पर भी संकट खड़ा हो सकता है। यही नही आनलाइन निगरानी भी रहेगी।
विभाग से भेजा जा सकेगा भुगतान
बेसिक शिक्षा के अधिकारी अब सीधे भुगतान कर सकेंगे। एमडीएम की ओर से बनाई गई नई व्यवस्था में दो अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। जिसमें एमडीएम समन्वयक डाटा आपरेटर का कार्य करेंगे। वह डाटा अपडेट करेंगे और इसके बाद वित्त एवं लेखाधिकारी अप्रूवर अधिकारी होंगे। उनकी ओर से डाटा को अप्रूव करते ही रसोइयों का मानेदय बैंक खातों में चला जाएगा। इसी तरह कर्नवजन कास्ट भी इसी तरह स्कूलों की प्रबंध समितियों के खातों में पोस्ट हो जाएगा। एमडीएम की निगरानी ऑनलाइन पहले से है, ऐसे में भुगतान की प्रक्रिया भी होगी।