पीलीभीत: गर्भवती होने की बात बताकर शिक्षिका ने बीईओ को लिखित में पत्र देकर चुनाव ड्यूटी कटवाने की मांग की। बीईओ ने भरोसा भी दिया लेकिन बाद में शिक्षिका की समस्या को अनदेखा कर दिया। इससे शिक्षिका परेशान है। उनका कहना है कि वह गर्भवती हैं। ऐसे में चुनाव ड्यूटी निभाने में दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने ड्यूटी कटवाने की मांग की है।
विधानसभा चुनाव में परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। पूरनपुर बीआरसी के 12 सौ से अधिक शिक्षक-कर्मचारियों को ड्यूटी आवंटित की जा चुकी है। खासबात यह है कि इस बार चुनाव में पूरनपुर की कई शिक्षिकाओं को पीठासीन अधिकारी की जिम्मेदारी दे दी गई। महिलाओं के विरोध पर ड्यूटी कटने का जिम्मेदारों ने भरोसा दिया जो पूरा नहीं किया गया। गांव पिपरिया संतोष के परिषदीय प्राथमिक स्कूल की इंचार्ज शिक्षिका नीलम मैथिल को भी 127 विधानसभा क्षेत्र में पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर ड्यूटी आवंटित कर दी गई। उन्होंने बताया कि वह गर्भवती हैं। समस्या के बारे में बीआरसी पर बीईओ को बताकर लिखित में पत्र देकर ड्यूटी कटवाने की मांग की। उन्होंने भरोसा दिया लेकिन ड्यूटी नहीं कट सकी है। इससे वह परेशान हैं। उन्होंने समस्या को गंभीरता से लेते हुए चुनाव में ड्यूटी कटवाने की मांग की है। बताते हैं कि इनके अलावा तमाम पति-पत्नी दोनों की ड्यूटी चुनाव में लगी है। जबकि चुनाव आयोग से दोनों में से एक की ड्यूटी लगाने के निर्देश हुए थे। चुनाव ड्यूटी में जिम्मेदारों की लापरवाही और मनमानी को लेकर शिक्षकों में रोष है।