वाराणसी : सत्ता संग्राम का बिगुल बज चुका है। राजनीतिक दलों के नेता वादों की बारिश से मतदाताओं को भिगोने की कोशिश में लगे हैं। लेकिन इन बार हालात बदले हुए हैं। जनता जनप्रतिनिधियों से हिसाब मांगने के मूड में है। केवल वादों से इस बार बेड़ा पार नहीं हो पाएगा। जहां आम जनता मूलभूत सुविधाएं चाहती है, वहीं पुरानी पेंशन व महंगाई मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ा मुद्दा है। रविवार को अमर उजाला की ओर से लहरतारा स्थित आकाश बिल्डर्स में आयोजित वोटर अड्डा में मतदाताओं ने अपने मन की बात बताई। मतदाताओं का कहना था कि कोरोना के कारण व्यापार और उद्योग को काफी नुकसान हुआ है, जिससे व्यापारी अब तक उबर नहीं पाया है। मतदाताओं की माने तो आने वाली सरकार को शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन बहाल करना चाहिए।
युवाओं को मिले रोजगार
अपने क्षेत्र के विकास की मांग को लेकर मतदान करेंगे। घर के बच्चे शिक्षा पूरी कर घर बैठे हैं, सरकार को इन युवाओं को बेहतर रोजगार के साधन मुहैया कराना चाहिए।- माधवी सिंह
महंगाई पर लगे लगाम
कोरोना के कारण व्यापार में मंदी की स्थिति है। मंहगाई काफी बढ़ गई है, आम आदमी इससे परेशान है। सिलिंडर से लेकर स्कूल फीस, आने वाली सरकार इन मुद्दों पर काम करना चाहिए।-ममता जायसवाल
शिक्षा व्यवस्था हो मजबूत
कोरोना में सबसे ज्यादा नुकसान शिक्षा क्षेत्र को हुआ है। प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत है। शिक्षकों के लिए सरकार पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करें। – डॉ. आभा गुप्ता
व्यापारियों को मिले मदद
मध्यमवर्गीय परिवार अपने काम के जरिए ही अपना घर चलाता है। कोरोना में छोटे व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है, इन व्यापारियों के लिए भी सरकार को मदद मुहैया करानी चाहिए।- रीता जायसवाल
जन समस्याएं हों दूर
जाति और धर्म के आधार पर वोट करना गलत है, हम उसी प्रत्याशी को वोट देंगे जिनके मुद्दे में शहर का विकास हो और वो जनता की समस्याओं को समझकर उसे दूर कराए।- रीना जायसवाल
बहाल हो पुरानी पेंशन
सरकार ने शिक्षक कर्मचारियों से पेंशन का हक छीन लिया, लेकिन सांसद, विधायक, मंत्री अपने लिए पुरानी पेंशन योजनाएं बनाए हुए हैं। नई सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करना चाहिए।- मुकुल मौर्या
रोजगार का मिले अवसर
शहर के हुनरमंद युवाओं को अवसर के अभाव में शहर से बाहर जाकर नौकरी करनी पड़ती है, ऐसी सरकार हो जो अपने शहर में युवाओं और महिलाओं को रोजगार मुहैया कराए।- रचना पांडेय
जाति-धर्म का विरोध
जो जाति-धर्म की राजनीति करेगा उसे वोट नहीं दूंगी। मैं चाहती हूं कि लोकतांत्रिक मूल्यों को समझने वाली और समता के आधार पर काम करने वाली सरकार बने।- कौशिकी