प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की लिस्ट में पहली बार रोटी, दाल, चावल, सब्जी से सजे भोजन थाल को भी शामिल किया गया है। जबकि अभी तक पूड़ी-सब्जी एक मिठाई व चाय-समोसा ही चुनावी खाना माना जाता था। यही चुनावी खर्च में भी जुड़ता था।
कोरोना महामारी के साये में हो रहे लोकतंत्र के महापर्व में नेता जी के साथ दिन-रात जुटने वाले कार्यकर्ताओं के खान-पान में परिवर्तन आया है। अब केवल पूड़ी- सब्जी खाकर प्रचार नहीं हो रहा है। चुनावी दफ्तरों में कार्यकर्ताओं के लिए दाल, रोटी, सब्जी,चावल का इंतजाम भी किया जाता है। भोजन थाल के आर्डर दिए जाते हैं। इसे देखते चुनावी खर्च का हिसाब- किताब रखने वाली टीम ने पहली बार राजधानी की सीटों पर भोजन थाल को भी चुनावी खर्च में जोड़ा है।
अभी तक चुनावी खर्च की लिस्ट में खाने के नाम पर केवल पूड़ी-सब्जी व चाय- समोसा ही शामिल किया गया था। एक मिठाई के साथ चार पूड़ी-सब्जी की दर 37 रुपए तय की गई है। जोकि 2017 चुनाव से पांच रुपए अधिक है। जबकि चाय व समोसा की दरें छह-छह रुपए प्रति पीस रखी गई हैं।
एक भोजन थाल 225 रुपए का
चुनावी खर्च का रेट चार्ट जारी होने के बाद राजनैतिक दलों की ओर से खाने में रोटी, दाल , चावल के भोजन थाल का अनुरोध किया गया। इसके बाद विधानसभा चुनाव के लिए भोजन थाल की दर व वस्तुओं का निर्धारण किया गया। सहायक नोडल व्यय अनुरीक्षण व सीटीओ मनोज तिवारी बताते हैं कि भोजन थाल में चार तवा रोटी, एक दाल, एक सूखी सब्जी, पनीर सब्जी, रायता, चावल, सलाद व एक मिठाई को रखा गया है। इसकी दर 225 रुपए तय की गई है।