बूथ के भीतर ईवीएम के साथ सेल्फी लेने और उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर जेल जाना पड़ जाएगा। मतदान वाले दिन सभी बूथों पर सख्ती के साथ इसकी निगरानी होगी। बूथ के भीतर मोबाइल फोन या कैमरा लेकर नहीं जा सकते। मॉडल बूथों पर बूथ के बाहर खाली परिसर में सेल्फी प्वाइंट बनाए जाएंगे। वहां सेल्फी लेने की छूट होगी।
दरअसल कई लोगों, विशेषकर युवाओं में सेल्फी का जबरदस्त शौक है। मतदान वाले दिन वोट डालने के बाद अमिट स्याही लगी उंगली उठाकर सेल्फी वाला फोटो, सोशल मीडिया पर खूब पोस्ट होता है। ऐसे में सेल्फी के शौकीन मतदाताओं को इस बात का ध्यान रखना होगा कि ईवीएम के साथ सेल्फी, उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है। पिछले कई चुनावों में इस तरह के फोटो या पोस्ट पर कार्रवाई हो चुकी है। लोग जेल भेजे जा चुके हैं।
सभी पिंक और मॉडल बूथ के बाहर होगा सेल्फी प्वाइंट
गोरखपुर जिले की सभी विधानसभाओं में दो-दो पिंक बूथ बनाए जा रहे हैं। आधी आबादी को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह पहल की जा रही है। इन बूथों पर तैनात पोलिंग पार्टी की सभी सदस्य भी महिलाएं होंगी। यहां सुरक्षा में महिला पुलिसकर्मी तैनात की जाएंगी। इसी तरह हर विधानसभा में दो से छह तक मॉडल बूथ भी बनाए जाएंगे। इन दोनों बूथों के बाहर खाली परिसर में सेल्फी प्वाइंट बनाया जाएगा। यहां कोई भी मतदाता सेल्फी ले सकेगा।
मतदान खत्म होते ही तुरंत स्ट्रांग रूम नहीं भेजी जाती ईवीएम
मतदान खत्म होते ही मतदान केंद्र से तत्काल ईवीएम स्ट्रांग रूम नहीं भेजी जाती है। पीठासीन अधिकारी ईवीएम में वोटों के रिकॉर्ड का परीक्षण करता है। सभी प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट को एक सत्यापित कॉपी दी जाती है। इसके बाद ईवीएम को सील कर दिया जाता है। प्रत्याशी या उनके पोलिंग एजेंट सील होने के बाद अपना हस्ताक्षर करते हैं।
प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधि मतदान केंद्र से स्ट्रांग रूम तक जाते हैं। जब सारी ईवीएम आ जाती है तो स्ट्रांग रूम सील कर दिया जाता है। यहां प्रत्याशियों के प्रतिनिधि को अपनी तरफ से भी सील लगाने की अनुमति होती है। इसके साथ ही प्रत्याशियों को स्ट्रांग रूम की देखरेख की अनुमति होती है। एक बार स्ट्रांग रूम सील होने के बाद गिनती के दिन सुबह ही खोला जाता है।