इस बार विधानसभा चुनाव में बीमार, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी, दिव्यांग, दुर्घटना में घायल व भर्ती कर्मचारियों को ड्यूटी से मुक्ति मिलती दिखाई नहीं दे रही है। मेडिकल बोर्ड व विभागाध्यक्षों की अनुमति के बाद अब तक जिले में करीब 358 कर्मचारियों की ड्यूटी एनआईसी से काटी गई थी। सोमवार को जिलाधिकारी ने ड्यूटी काटने को लेकर एनआईसी का निरीक्षण किया। काटी गई सभी ड्यूटी को दोबारा री स्टोर कराते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई। मंगलवार को ड्यूटी कटवाने आए कई कर्मचारी मायूस होकर लौट. ड्यूटी कटवाने के लिए भटक रहे जरूरतमंद कर्मचारी : जिले में 2829 बूथ हैं। जिन पर करीब 14 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को पीठासीन अधिकारी, प्रथम, द्वितीय, तृतीय मतदान अधिकारी के रूप में ड्यूटी लगाई गई है।
प्रथम रेंडमाइजेशन में 130 प्रतिशत कार्मिक लिए गए थे। दूसरे में 120 प्रतिशत व तीसरे रेंडमाइजेशन में 110 प्रतिशत कार्मिक लिए जाएंगे। प्रथम में 130 प्रतिशत कार्मिक लिए गए थे, जिनमें लगभग 1500 कार्मिक अतिरिक्त थे। दूसरे रेंडमाइजेशन में अतिरिक्त लगभग 1500 ड्यूटियां स्वतः कट जाएंगी। वहीं ड्यूटी कटवाने वाले लगभग पांच सौ के करीब ही आवेदन थे। अब जब स्वतः ड्यूटी कटेगी तो तमाम कार्मिकों की ड्यूटी ऐसी कट जाएगी, जो चुनाव कराने के लिए सक्षम होंगे औरऐसे तमाम लोगों की ड्यूटी लग जाएगी, जो जरूरतमंद थे। पंचायत चुनाव में ऐसी ही व्यवस्था हुई थी, कहीं पीठासीन अधिकारी नहीं थे तो कहीं मतदान कार्मिक ही बूथों से गायब थे, तब सफाईकर्मियों ने मोर्चा संभालकर किसी तरह चुनाव कराया था।
फिर से शुरू हुई आवेदनों की जांचः विधान सभा चुनाव के लिए कर्मचारियों को ड्यूटी स्लिप मिली तो कर्मचारी 25 जनवरी से विभाग से लेकर डीआरडीए के चक्कर काटने लगे। अधिकारियों ने विकास भवन में कैंप लगाकर आवेदन लिए और ड्यूटी काट दी थी। सोमवार को अचानक डीएम डीआरडीए और एनआइसी पहुंचे और लगभग साढ़े तीन सौ ड्यूटी काटने की बात सुनकर अधिकारियों को फटकारही नहीं लगाई गई, बल्कि एफआईआर कराने की चेतावनी भी दी। इसके बाद काटी गई सभी ड्यूटी री-स्टोर कर दी गईं। जिन आवेदनों पर ड्यूटी काटी गई थी, उनकी जांच फिर से शुरू हो गई है।
पूरा दिन प्रार्थना पत्रों की जांच करते रहे अधिकारी: डीआरडीए में मंगलवार को सीडीओ एकता सिंह की अध्यक्षता में पीडी भोलानाथ कनौजिया व अन्य कर्मचारी और अधिकारी आवेदनों की री चेकिंग कर रहे थे। उधर ड्यूटी काटने के बाद री-स्टोर होने की सूचना में डीआरडीए में भीड़ उमड़ गई। दिव्यांग, बीमार और अन्य आवश्यकता वाले कर्मचारियों ने आवेदन सीडीओ को दिया। फिलहाल बीमार, भर्ती, घायल, दिव्यांग, गर्भवती, सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों की ड्यूटी री-स्टोरकर दी है।