देश की ग्राम पंचायतें अपनी जरूरत भर बिजली का उत्पादन करने के साथ अतिरिक्त बिजली बेच भी सकती हैं। इस संबंध में हुए अध्ययन और गहन विचार-विमर्श के बाद पंचायती राज मंत्रलय ने मसौदा तैयार कर लिया है। आगामी वित्त वर्ष में इस संबंध में राज्यों में नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू कराए जाएंगे। इस बारे में केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्यों को साथ लिया जाएगा। इस संबंध में कई दौर की वार्ता हो चुकी है, जिसे अब आगे बढ़ाया जाएगा।
पंचायती राज मंत्रलय के आंकड़ों के मुताबिक देशभर में कुल 2.63 लाख से अधिक ग्राम पंचायतें हैं। लगभग सभी पंचायतों में सरकारी भवन बनाए गए हैं, जिनमें पंचायत भवन, सरकारी स्कूल, बारात घर, सामुदायिक भवन, गोदाम, सराय और धर्मशालाएं शामिल हैं। इन भवनों का रखरखाव ग्राम पंचायतें ही करती हैं। नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की पर्याप्त संभावनाओं के मद्देनजर इस तरह की योजना को प्रोत्साहन दिया जाएगा। मंत्रलय की मंशा है कि आत्मनिर्भर भारत के लिए पंचायतों का ऊर्जा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर होना जरूरी है। गिरिराज सिंह ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित क्षेत्रों के प्रशासकों को इस संबंध में पत्र लिखकर उनसे इस योजना को अमली जामा पहनाने का आग्रह किया है। पत्र के साथ विभिन्न राज्यों की उन ग्राम पंचायतों का हवाला दिया है, जिन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन कर खुद को आत्मनिर्भर ही नहीं बनाया है, बल्कि अतिरिक्त ऊर्जा से आमदनी भी करने में सफल हुई हैं। सभी राज्यों से ग्राम पंचायतों के सरकारी भवनों का लेखा-जोखा मांगा गया है।
आत्मनिर्भरता
पंचायती राज मंत्रलय ने बनाया महत्वपूर्ण मसौदा, राज्यों में चलेगा पायलट प्रोजेक्ट
ऊर्जा उत्पादन के लिए बैंकों से लिया जा सकता है लोन
केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि ऊर्जा उत्पादन के लिए बैंकों से लोन लिया जा सकता है। उत्पादन संयंत्रों को गिरवी रखकर लोन देने में बैंकों को कोई दिक्कत नहीं होगी। ऐसे संयंत्र पहले दिन से ही पैसा कमाना शुरू कर देते हैं। पंचायतों की जरूरत भर बिजली का उपयोग करने के बाद अतिरिक्त बिजली को केंद्रीय पूल में भेजा जा सकता है। इसके लिए सारी सुविधाएं ग्राम पंचायतों को मुहैया कराई जाएंगी। नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के मामले में राजस्थान अपने निर्धारित लक्ष्य का 86 प्रतिशत, गुजरात 85 प्रतिशत, तमिलनाडु 72 प्रतिशत, महाराष्ट्र 47 प्रतिशत और मध्य प्रदेश 45 प्रतिशत पूरा कर चुका है। लेकिन पंचायत स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन की पर्याप्त संभावनाएं हैं।