अब तक ऐसे ईपीएफओ अंशधारक ईपीएस-95 के तहत 8.33 की कम दर से ही योगदान कर पाते हैं। इस तरह उन्हें कम पेंशन मिलती है। अनुमान के अनुसार, पेंशन योग्य वेतन बढ़ाने से संगठित क्षेत्र के 50 लाख और कर्मचारी ईपीएस-95 के दायरे में आ सकते हैं।
नई दिल्ली
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) संगठित क्षेत्र के 15 हजार रुपये से अधिक का मूल वेतन पाने वाले और कर्मचारी पेंशन योजना-1995 (ईपीएस-95) के तहत अनिवार्य रूप से नहीं आने वाले कर्मियों के लिए नई पेंशन योजना लाने पर विचार कर रहा है।
वर्तमान में संगठित क्षेत्र के वे कर्मी जिनका मूल वेतन (मूल वेतन व महंगाई भत्ता) 15 हजार रुपये तक है, अनिवार्य रूप से ईपीएस-95 के तहत आते हैं। एक सूत्र के मुताबिक, पीएफओ के सदस्यों ने ऊंचे योगदान पर अधिक पेंशन की मांग की है। इस प्रकार उन लोगों के लिए एक नया पेंशन विकल्प लाने पर विचार किया जा रहा है, जिनका मासिक मूल वेतन 15 हजार से अधिक है।
सूत्र के अनुसार, इस नए पेंशन उत्पाद पर 11 और 12 मार्च को गुवाहाटी में ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव आ सकता है।