प्रयागराज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी अंकपत्र से नौकरी पाने के आरोपी सहायक अध्यापक आशीष कुमार सिंह की 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। हाई कोर्ट ने कहा है कि पुलिस गिरफ्तारी के समय याची को पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक जमानत पर रिहा करे और विवेचना अधिकारी तीन माह में विवेचना पूरी कर रिपोर्ट पेश करें। हाई कोर्ट ने आदेश की प्रति एसएसपी या एसपी को अनुपालन के लिए उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति वी के सिंह ने दिया है।
याची का कहना था कि मामले की जांच कर रही एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 3500 फर्जी अंकपत्र हैं। एक हजार अंकपत्रों में फेरबदल किया गया है। याची के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। सामान्य मनगढ़ंत आरोपों को लेकर याची के खिलाफ थाना मदनपुर जनपद शाहजहांपुर में एफआइआर दर्ज कराई गई है। याची के अंकपत्र की जांच नहीं की गई। इसी तरह के आरोपित कई लोगों को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है। याची पिछले एक दशक से सहायक अध्यापक रहा है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।इस पर कोर्ट ने सशर्त अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है।
प्रश्न पुस्तिका जमा न करने पर उत्तर पुस्तिका की जांच नहीं
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उ प्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा में प्रश्न पुस्तिका जमा न करने वाले अभ्यर्थियों की ओर एम आर सीट का मूल्यांकन न करने के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने मथुरा निवासी के एम नीलम की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। याची ने आयोग की प्रारंभिक परीक्षा दी और प्रश्न पुस्तिका जमा नहीं किया। आयोग के अधिवक्ता ने बताया कि बिना प्रश्न पुस्तिका जमा किए उत्तर पुस्तिका की जांच नहीं की जा सकती। याची द्वारा आयोग के निर्देशों का पालन न करने के कारण कोर्ट ने हस्तक्षेप करते से इंकार कर दिया।