स्कूली शिक्षा के नए ढांचे में अब बच्चों को स्कूल में दाखिला देने से पहले विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें स्कूली माहौल के लिए तैयार किया जाएगा। इस पहल को सरकार ने विद्या प्रवेश नाम दिया है। पहली कक्षा में दाखिला लेने वाले प्रत्येक बच्चे को अब शुरुआत में तीन महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें दूसरे बच्चों के साथ खेलने और उठने-बैठने आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उनमें सीखने की प्रवृत्ति को विकसित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रलय के मुताबिक, यह पहल नए शैक्षणिक सत्र से सभी स्कूलों में लागू होगी। एनसीईआरटी ने एक माड्यूल भी विकसित किया है। इसमें शिक्षकों और अभिभावकों के लिए जरूरी टिप्स भी दिए गए हैं। राज्यों को माड्यूल भेज दिया गया है। साथ ही इसे प्राथमिकता से लागू करने का सुझाव दिया गया है। माना जा रहा है कि इससे स्कूलों के प्रति पैदा होने वाली अरुचि से बच्चों को बचाया जा सकेगा। बच्चे शुरुआत में स्कूल जाने से डरते हैं। वे जल्द स्कूल छोड़ भी देते हैं। मंत्रलय का मानना है कि यदि बच्चों में शुरू से ही स्कूलों और पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा कर दी जाए तो वे काफी निपुण हो जाते हैं।
तीन महीने के विशेष प्रशिक्षण के दौरान छात्रों की प्रतिभा को भी पहचानने का काम होगा। बच्चों को उनकी रुचि के आधार पर उस क्षेत्र में आगे बढ़ाने की पहल की जाएगी। जिन प्रमुख क्षेत्रों में बच्चों की रुचि को परखा जाएगा, उनमें खेलकूद, संगीत, आर्ट, गणित, खोज और विज्ञान आदि शामिल हैं। इस दौरान बच्चों की भाषा संबंधी रुचि की भी पहचान की जाएगी। कोशिश होगी कि बच्चों को स्थानीय भाषा में समझाया जाए।
’>>बच्चों के मन से स्कूल जाने का डर होगा दूर
’>>विद्या प्रवेश नाम से सरकार ने शुरू की नई पहल