01 अप्रैल 2005 के बाद नौकरी में आए तमाम शिक्षकों की सेवा को एक दशक से अधिक बीत रहा है लेकिन अब तक उनको एनपीएस का लाभ भी नहीं दिया गया। परिषदीय स्कूलों में अप्रैल 2005 के बाद सेवा में आए शिक्षकों के वेतन से न्यू पेंशन स्कीम के तहत कटौती करने का फैसला अब तक पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है।
काफी संख्या में बेसिक शिक्षकों की कई साल की नौकरी के बाद भी एक पाई पेंशन फंड नहीं जमा हो सका है। OPS के समाप्त होने के बाद शासन ने NPS की व्यवस्था दी तो वह भी कई सालों तक अव्यवस्था की शिकार रही। करीब तीन वर्ष पूर्व शासन ने एनपीएस कटौती के लिए रूचि तो दिखाई लेकिन दायरे में आने वाले सभी शिक्षकों के वेतन से एनपीएस के अंश की कटौती नहीं हो सकी। विभाग ने तर्क दिया था कि अब भी सैकड़ों शिक्षकों को प्रान आवंटित नहीं किया जा सका है जिस कारण समस्या आ रही है लेकिन विभाग के पास इस सवाल का कोई जवाब नहीं है कि जिन शिक्षकों को प्रान आवंटित किया जा चुका है उन सभी के वेतन से कटौती क्यों नहीं की जा रही है।
प्रान आवंटित पर कटौती नहीं
बताते हैं कि ऐसे तमाम शिक्षक हैं जिन्हें प्रान आवंटन किया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद कटौती नहीं की जा रही है। विभाग ने प्रान आवंटित व गैर प्रान आवंटित शिक्षकों की सूची मंगाई थी। कहा गया था कि जिनके प्रान आवंटन हो चुके हैं उनकी कटौती शुरू होगी एवं जिन्हें आवंटन नहीं हुआ है उन्हें फार्म भराकर आवंटन कराया जाएगा। इसके बावजूद तमाम प्रानधारी शिक्षकों के वेतन से अब तक कटौती नहीं हो सकी है।