बरेली। तीन दिन पहले मतदान समाप्त होने के बाद अब निर्वाचन कार्यालय में ड्यूटी भत्ता लेने के लिए चुनाव कार्मिकों का तांता लगने लगा है। रिजर्व में रहीं पोलिंग पार्टियां भी ड्यूटी भत्ता के लिए चक्कर लगा रही हैं। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन के तहत हफ्ते भर बाद भत्ता भुगतान करने की बात कही है।
जिले में 14 फरवरी को मतदान संपन्न होने के बाद ईवीएम और वीवी पैट मशीनें परसाखेड़ा स्थित स्ट्रांग रूम में कड़ी सुरक्षा में रखवा दी र्गइं। पोलिंग बूथों पर तैनात रहीं पोलिंग पार्टियों को तो मौके पर ही ड्यूटी भत्ते का नकद भुगतान कर दिया गया, लेकिन 239 सेक्टर, 27 जोनल मजिस्ट्रेट और 599 माइक्रोऑब्जर्वर समेत रिजर्व में रहीं 751 पोलिंग पार्टियों का अब तक भुगतान नहीं हो सका है। लिहाजा, ये लोग निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर अपना ड्यूटी भत्ता मांग रहे हैं।
किसे, कितने रुपये का होना है भुगतान – प्रत्येक माइक्रोऑब्जर्वर को एक हजार, सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट को 15-15 सौ रुपये ड्यूटी भत्ता दिया जाना है। इस हिसाब से माइक्रोऑर्ब्जर को 5.99 लाख, सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट को 3.99 लाख रुपये का भुगतान कोषागार से किया जाना है। रिजर्व पोलिंग पार्टियों को भी करीब 25 लाख रुपये का भुगतान कोषागार से होगा।
मृतक आंगनबाड़ी वर्कर की सूचना भेजी, 15-15 लाख मिलेंगे – मतदान के दिन ड्यूटी पर जाने के दौरान नवाबगंज और ड्यूटी पर पहुंचने के बाद तबीयत खराब होने पर वापस लौट रहीं दो आंगनबाड़ी वर्कर की मौत हो गई थी। चुनाव ड्यूटी के दौरान मौत होने की सूचना निर्वाचन कार्यालय से चुनाव आयोग को भेज दी गई है। अब चुनाव आयोग से मुआवजा दिए जाने का प्रस्ताव मांगे जाने पर मृतक आंगनबाड़ी वर्करों की फाइल आर्थिक सहायता के लिए भेजी जाएगी। दोनों के परिजन को 15-15 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलेगी।