मनकापुर। संवाददाता
कोतवाली क्षेत्र के परिषदीय शिक्षक की मंगलवार रात हत्याकर शव सड़क किनारे फेंक दिया गया। उसका शव आईटीआई से मनवर नदी जाने वाली सड़क के किनारे गड्ढे में मिला है। शिक्षक मंगलवार रात से लापता था। परिजन उसकी खोजबीन कर रहे थे। घटना की सूचना पर कोतवाल मनकापुर फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। प्रथम दृष्टया हत्या प्रतीत होने पर उन्होंने इसकी सूचना आला-अफसरों को दी। इसके बाद फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड ने मौके पर पहुंचकर बारीकी से छानबीन की।
छपिया थानाक्षेत्र के साबरपुर गांव के 42 वर्षीय अभिषेक त्रिपाठी पुत्र स्व. रमाकांत त्रिपाठी मनकापुर में समरूपुर खास के जूनियर हाईस्कूल में कई वर्षों से तैनात थे। वह अपने पैतृक गांव में न रहकर आईटीआई की संचार विहार कालोनी में कमरा नम्बर-ए 803 में परिवार के साथ किराए पर रहते थे। अभिषेक की पत्नी बबिता त्रिपाठी का कहना है कि कुछ दिन पहले चचेरी सास का देहांत होने पर हम लोग गांव चले गए थे। पांच दिन पहले अपनी बेटी, बेटा और ननद माया देवी के साथ आईटीआई स्थित कमरे पर आ गईं। जबकि, अभिषेक गांव से ही स्कूल आते-जाते थे। बबिता के अनुसार मंगलवार को मेरे पति स्कूल से आने के बाद दो अज्ञात बाइक सवारों के साथ कमरे पर आए। कुछ देर बाद वह पैसे के लेनदेन की बात फोन पर करते हुए मनकापुर में एक परिचित की कपड़े की दुकान पर चले गए। वहीं, बेटे आशू त्रिपाठी ने बताया कि शाम को पिता का फोन आया कि फैजाबाद से लौट रहा हूं, स्टेशन पर बाइक लेकर आ जाओ। मैं जब स्टेशन के पास पहुंचा तो वह नहीं मिले, फोन किया जो घंटी बजती रही लेकिन संपर्क नहीं हुआ। काफी देर इंतजार करके मैं घर लौट आया। बेटी अंशिका का कहना है कि रात तीन बजे के बाद पिता का फोन स्विच आफ हो गया। इस मामले में शिक्षक की पत्नी बबिता की तहरीर पर पर वीरेन्द्र तिवारी उर्फ बिज्जू निवासी कुड़वासीर और दो अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। कोतवाल संजय कुमार गुप्ता ने बताया कि शिक्षक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
गुमशुदगी दर्ज कराने आया युवक बना आरोपी
मनकापुर। गुमशुदगी दर्ज कराने शिक्षक के चचेरे भाई के साथ पहुंचे लोगों में से ही एक युवक को हत्या का आरोपी बनाया गया है। बुधवार सुबह मनकापुर में कपड़े की दुकान करने वाले वीरेन्द्र तिवारी उर्फ बिज्जू के साथ पांच-छह लोग कोतवाली गेट पर खड़े थे। शिक्षक के चचेरे भाई रंजीत तिवारी गुमशुदगी दर्ज कराना चाहते थे। कोतवाल संजय कुमार गुप्ता ने तहरीर लेने के बाद साथ पहुंचे लोगों का नाम और मोबाइल नंबर नोट किया। कुछ ही देरबाद पुलिस को शव मिलने सूचना मिली। बाद में उसकी पहचान शिक्षक अभिषेक त्रिपाठी के तौर पर हुई। परिजनों का आरोप है कि वीरेन्द्र तिवारी उर्फ बिज्जू से अभिषेक का रुपयों का कुछ लेनदेन था। इस बारे में बबिता का कहना है कि इसको लेकर अभिषेक और वीरेन्द्र तिवारी के बीच कुछ कहासुनी भी हुई थी।