मैनपुरी। शिक्षा सत्र खत्म होने में मात्र एक महीना शेष है, लेकिन जिले के 40 हजार छात्र-छात्राओं को ड्रेस, बैग और जूता मोजा के लिए धनराशि नहीं मिल सकी है। अभिभावकों के खातों में धनराशि न पहुंचने से छात्र-छात्राएं घरेलू कपड़े और चप्पल पहनकर स्कूल पहुंच रहे हैं। शिक्षा विभाग धनराशि न पहुंचने का कारण खातों का आधार से लिंक न होना बता रहा है।
जिले के परिषदीय स्कूलों में 1.72 लाख छात्र-छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। एक महीने पहले 1.32 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में ड्रेस, जूता-मोजा और स्वेटर के लिए 1100 रुपये की धनराशि भेजी जा चुकी है। यह धनराशि ऑनलाइन अभिभावकों के खातों में स्थानांतरित की जा रही है। लेकिन जिले में 40 हजार छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों में यह धनराशि अभी तक स्थानांतरित नहीं हो सकी है। ये बच्चे बिना ड्रेस के ही स्कूल में पहुंच रहे हैं। बच्चों के पास जूते और मोजे भी नहीं है। बेसिक शिक्षा विभाग का प्रयास था कि सर्दी से पहले बच्चों को स्वेटर और जूते-मोजों के लिए धनराशि उपलब्ध करा दी जाए, लेकिन अभिभावकों के खातों में गड़बड़ी के कारण धनराशि स्थानांतरित नहीं हो पाई है। अब यह धनराशि मार्च के अंतिम सप्ताह में ही अभिभावकों के खातों में पहुंचने की उम्मीद है।
यह है कारणडीसी सामुदायिक सहभागिता आदित्य बताते हैं कि जिले में धनराशि के लिए अवशेष 40 हजार छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते आधार कार्ड से लिंक नहीं हैं। इसके चलते धनराशि स्थानांतरित नहीं हो पाई है। उम्मीद है कि मार्च के अंतिम सप्ताह में ही अब यह धनराशि अभिभावकों के खातों में स्थानांतरित कराई जा सकेगी।प्रधानाध्यापकों को दो महीने पहले ही दिए गए थे निर्देशबीएसए कमल सिंह ने प्रधानाध्यापकों को दिसंबर में ही छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से संपर्क कर उनके खाते सक्रिय कराने और उनमें आधार लिंक कराने में मदद के निर्देश दिए थे। लेकिन इसके बाद भी 40 हजार छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खातों से आधार लिंक नहीं हो सका।अभिभावकों के खातों से आधार लिंक नहीं था, जिसके चलते 40 हजार बच्चों के अभिभावकों के खातों में धनराशि नहीं पहुंच सकी। अभिभावकों से अपील की गई है कि वे अपने खाते आधार से लिंक कराएं। वहीं, प्रधानाध्यापकों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे अभिभावकों से संपर्क कर उनके खातों में आधार लिंक कराना सुनिश्चित करें।कमल सिंह, बीएसए