हरदोई। कूटरचित अभिलेखों के आधार पर नियुक्ति के आरोपी तीन शिक्षकों और दो अनुदेशकों की मंगलवार को सेवा समाप्त कर दी गई है। लखनऊ एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा विभाग को इस फर्जीबाड़े की रिपोर्ट सौंपी थी एसटीएफ की रिपोर्ट के आधार पर विभाग ने मामले की जांच की और आरोप सही पाए। मामले में छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी।
मंगलवार को बीएसए वीपी सिंह ने पांचों आरोपियों की सेवा समाप्त कर नियुक्ति की तिथि से सेवा समाप्ति की तिथि तक के सभी वेतन व भत्तों की रिकवरी के आदेश जारी कर दिए हैं।
लखनऊ एसटीएफ के एसएसपी ने सुरसा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय अंटवा सरसैया में अनुदेशक पद पर नियुक्त संगीता पाल, इसी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय मोहकमपुर में सहायक अध्यापक
गीता देवी, बावन ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय यासीनपुर के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र पाल, पिहानी ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय में अनुदेशक शशिवेंद्र पाल और टड़ियावां ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय टड़ियावां में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्त
मंशाराम के शैक्षिक अभिलेख फर्जी होने का दावा किया था। लखनऊ की एसटीएफ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्रेषित अपनी रिपोर्ट में इन सभी के अभिलेख विश्वविद्यालय स्तर पर हुए सत्यापन में कूटरचित पाए जाने की
इस पर बीएसए ने आरोपियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था, लेकिन पांचों आरोपियों ने खुद को सही साबित करने के पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं करा सके। लिहाजा, मंगलवार को जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने उनकी सेवा समाप्त कर दी। विभाग पांचों आरोपियों से वेतन और भत्तों की रिकवरी भी करेगा।
बीईओ करेंगे रिकवरी का आकलन
रिकवरी की कार्रवाई के लिए संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों को धनराशि के आकलन की जिम्मेदारी दी गई है। बीईओ, आरोपितों की नियुक्ति से सेवा समाप्ति की तारीख तक के उनके वेतन और भत्तों की । धनराशि का आंकड़ा उपलब्ध कराएंगे। इसी आधार पर आरोपितों को विभाग से लिया वेतन और भत्ता लौटाना होगा।